अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम में अपनी भूमिका को लेकर बार-बार किए जा रहे दावों के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत, अमेरिकी राष्ट्रपति पद का सम्मान करता है लेकिन नयी दिल्ली ने ‘‘कभी नहीं चाहा कि वह किसी से मध्यस्थता करने के लिए कहे” और किसी को हमें यह बताने की जरूरत नहीं कि हमें ‘‘रुकना” है। सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के नेता थरूर मंगलवार दोपहर यहां पहुंचे और प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को अमेरिकी सांसदों एवं सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकें कीं।

थरूर ने कहा, ‘‘मैं बस इतना कह सकता हूं कि हम अमेरिका के राष्ट्रपति के पद और अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहना चाहा।” उन्होंने बुधवार को यहां ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में कहा कि भारत को पाकिस्तानियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम बल की भाषा का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।”

विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष थरूर इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी. हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भारतीय जनता पार्टी), भुवनेश्वर कलिता (भारतीय जनता पार्टी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भारतीय जनता पार्टी) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और फिर यह गुयाना, पनामा, कोलंबिया एवं ब्राजील की यात्रा करके वॉशिंगटन आया। थरूर ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म कर दे तो ‘‘हम उनसे बात कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे यह दिखाने के लिए गंभीर कदम उठाते हैं कि वे हमारे साथ सामान्य संबंध बहाल करना चाहते हैं तो हम किसी मध्यस्थ की आवश्यकता के बिना उनसे निश्चित रूप से फिर से बात कर सकते हैं।” थरूर ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा, इस संघर्ष के दौरान किसी भी स्थिति में भारत को इस बात की जरूरत नहीं थी कि कोई उसे रुकने के लिए कहे। किसी को भी हमें ‘‘रुकने” के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि हम उनसे कह रहे थे कि जैसे ही पाकिस्तान रुकेगा, हम रुकने के लिए तैयार हैं।”
 

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यदि उन्होंने पाकिस्तानियों से कहा कि ‘आप रुक जाइए क्योंकि भारतीय रुकने को तैयार हैं’ और उन्होंने ऐसा ही किया तो यह पाकिस्तान को लेकर उनकी ओर से एक अच्छा कदम था।” उन्होंने कहा, ‘‘हम बस इतना ही कह सकते हैं कि हमारी बातचीत में इनमें से कुछ बातें सामने नहीं आईं।” थरूर ने कहा कि वह यह बात ‘‘रचनात्मक भावना” से कह रहे हैं। उन्हेांने कहा, ‘‘हमारे मन में अमेरिका के लिए बहुत सम्मान है, और वाशिंगटन के साथ हमारी बहुत महत्वपूर्ण, मूल्यवान रणनीतिक साझेदारी है जिसे हम किसी छोटी सी बात के कारण जोखिम में नहीं डालना चाहेंगे। हम इस समय सहयोग के कई क्षेत्रों के बारे में बात कर रहे हैं, हम उन सभी को बढ़ाने में रुचि रखते हैं। इसलिए छोटी-छोटी बातें हो सकती हैं लेकिन हम कल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।”  

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights