मई से ही मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है। वहां पर केंद्र सरकार ने सेना और अर्धसैनिक बलों को भी उतारा, लेकिन हालात वैसे के वैसे बने रहे। इस बीच अमेरिका ने भी मणिपुर के हालात पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही भारत को हर जरूरी मदद का आश्वासन दिया।

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका मणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। अमेरिका के लिए मणिपुर का मुद्दा एक मानवीय चिंता है। अगर वहां पर शांति रहेगी, तो ज्यादा निवेश आएंगे।

दरअसल अमेरिकी राजदूत कोलकाता के दौरे पर थे। वहां पर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे पहले मणिपुर के बारे में बोलने दीजिए। हम वहां शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। अमेरिका इसको लेकर चिंतित है। ये कोई रणनीतिक चिंता नहीं है बल्कि ये मानवीय चिंता है।

उन्होंने कहा कि जब मणिपुर में बच्चे मरते हैं, तो आपको परेशान होने के लिए भारतीय होने की जरूरत नहीं। ये घटनाएं हर देश के नागरिक को विचलित करती हैं। पूर्वोत्तर में कई अन्य अच्छी चीजें हुई हैं और वे शांति के बिना जारी नहीं रह सकतीं।

गार्सेटी ने कहा कि ये पूरी तरह से भारत का मामला है, लेकिन अगर हमसे पूछा गया तो हम हर तरह से मदद करेंगे।

वहीं गार्सेटी की ये पहली कोलकाता यात्रा थी। ऐसे में उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सलाहकार अमित मित्रा से मुलाकात की। साथ ही उनसे आर्थिक अवसरों, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक संबंधों और महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर चर्चा की।

वहीं दूसरी ओर गुरुवार को इंफाल पश्चिम जिले में स्कूलों को खोला गया। इस दौरान अज्ञात लोगों ने वहां पर एक महिला की गोलीमार कर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 मई के बाद से जारी हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगो की जान जा चुकी है।

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