अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने कहा है कि अमेरिका ने ऐसी नीति अपनाई है, जो ताइवान को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने में विफल है और उनका देश चीनी आक्रमण के खिलाफ पूर्वी एशियाई देश की रक्षा करेगा या नहीं, इस पर ‘‘रणनीतिक अस्पष्टता’’ की मुद्रा है।

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और इस बात पर जोर देता है कि अगर आवश्यकता पड़ी तो वह बलपूर्वक इसे अपनी मुख्य भूमि के साथ मिला लेगा, जबकि ताइवान खुद को चीन से पूरी तरह से अलग मानता है।

ताइवान मुद्दे पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच रामास्वामी ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि चीन वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला पर एकमात्र नियंत्रण हासिल न कर ले।’’

पिछले हफ्ते जो बाइडन प्रशासन ने विदेशी सैन्य वित्त पोषण के तहत ताइवान को आठ करोड़ अमेरीकी डॉलर के सैन्य हस्तांतरण की मंजूरी दी थी। इस कार्यक्रम का आमतौर पर संप्रभु राष्ट्रों के लिए उपयोग किया जाता है।

घटनाक्रम के जवाब में चीन के एक सरकारी अखबार ने कहा था कि अमेरिका ने अब हद पार कर दी है, जिसके ‘‘घातक परिणाम’’ होंगे।

रामास्वामी ने कहा कि वर्तमान में अमेरिका ‘‘एक चीन’’ की नीति को अपनाता है, जो ताइवान को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं देता है और इस बारे में ‘‘रणनीतिक अस्पष्टता’’ है कि अमेरिका (चीनी) आक्रमण के खिलाफ ताइवान की रक्षा करेगा या नहीं।

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