असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी शर्मा को सब्सिडी के तौर पर मिले 10 करोड़ का मामला अब तूल पकड़ लिया है। यह मामला कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और हिमंत बिस्वा सरमा के बीच राजनीतिक विवाद में बदल गया है।

हालांकि, असम के मुख्यमंत्री ने इस दावे को खारिज कर दिया है। इसके बाद बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। यह मामला तब तब तूल पकड़ा जब गौरव गोगोई ने संसद में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के इस मामले पर दिए गए जवाब से अपने दावे का समर्थन किया।

उल्लेख किया गया कि सीएम की पत्नी की अध्यक्षता वाली मीडिया कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को असम में उद्योगों को समर्थन देने के लिए निवेश करने की केंद्रीय पहल के तहत 25.877 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।

इससे पहले गौरव गोगोई ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की वेबसाइट से एक स्क्रीनग्रैब साझा किया था, जिसमें बताया गया था कि उसी फर्म को केंद्र की किसान संपदा योजना के तहत स्वीकृत 25.877 करोड़ रुपये में से 10 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया था।

गौरव गोगोई के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सरमा ने कहा कि न तो उनकी पत्नी और न ही जिस कंपनी से वह जुड़ी हैं, उसे केंद्र सरकार से कोई राशि मिली है। उन्होंने आगे कहा कि अगर उनके जवाब के खिलाफ सबूत मुहैया कराया जाता है तो वह किसी भी सजा को स्वीकार करने को तैयार हैं।

सीएम सरमा ने कहा कि भारत सरकार ने उल्लिखित कंपनी को कोई फंड जारी नहीं किया है। असम सीएम और कांग्रेस सांसद के बीच ट्विटर (X) पर जमकर नोकझोंक हुई। असम सीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम इस मसले पर अदालत में मिलेंगे। एक बार फिर मैं अपनी बात साबित करने में सक्षम होऊंगा।

गौरव गोगोई ने कहा कि आप अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन कृपया विधानसभा में उपस्थित हों और मुद्दे का समाधान करें। यह आपका विशेषाधिकार नहीं बल्कि लोगों के प्रति आपका कर्तव्य है।

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