रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का दौरा किया, जिसने इस महीने की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मिग-29K लड़ाकू विमानों से लैस, स्वदेशी विमानवाहक पोत ने रणनीतिक निवारक के रूप में काम किया। युद्धपोत पर सवार सिंह ने भारतीय नौसेना की जबरदस्त ताकत को रेखांकित करते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अन्य सशस्त्र बलों के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया होता, तो पाकिस्तान को 1971 के युद्ध से भी बदतर परिणाम का सामना करना पड़ सकता था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि पाकिस्तान दोनों देशों के बीच वार्ता के लिए गंभीर है तो उसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंप देना चाहिए। गोवा के तट पर विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ पर नौसेना के योद्धाओं के साथ बातचीत में सिंह ने कहा कि यदि पाकिस्तान भारत के खिलाफ कुछ भी ‘‘बुरी या नापाक हरकत’’ करता है, तो उसे इस बार भारतीय नौसेना की मारक क्षमता और क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि अपनी तैयारियों में कोई कमी न छोड़ें। अब तक जो कुछ हुआ है, वह सिर्फ एक ‘वॉर्म-अप (कार्रवाई से पहले की तैयारी या अभ्यास)’ था; यदि पाकिस्तान ने फिर से कोई जुर्रत की तो इस बार नौसेना भी हरकत में आयेगी और फिर भगवान ही जानता है कि पाकिस्तान का क्या होगा।’’ सिंह ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और यह सिर्फ एक विराम है, एक चेतावनी है। अगर पाकिस्तान ने फिर यही गलती की तो भारत की प्रतिक्रिया और भी कठोर होगी और इस बार उसे संभलने का मौका भी नहीं मिलेगा।’’
सिंह ने इस्लामाबाद को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान बुरी नजर डालने की कोशिश करेगा तो नयी दिल्ली का जवाब भारतीय नौसेना के हाथों में होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह साफ तौर पर समझ लेना चाहिए कि आजादी के बाद से वह भारत के खिलाफ आतंकवाद का जो ‘‘खतरनाक खेल’’ खेल रहा है, वह अब खत्म हो चुका है।
सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए उन तरीकों का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेगा, जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी धरती से भारत विरोधी गतिविधियां खुलेआम जारी हैं तथा भारत सीमा और समुद्र दोनों तरफ आतंकवादियों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह पाकिस्तानी सेना को बांधे रखने में सफल रही।
उन्होंने कहा कि जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी धरती पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, तो अरब सागर में भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके अपने तटों तक ही सीमित कर दिया। सिंह ने नौसेना के कर्मियों को संबोधित करते हुए अपने भाषण में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सीधा हमला है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंक के खिलाफ हर वह तरीका इस्तेमाल करेंगे जो पाकिस्तान सोच सकता है, लेकिन हम उन तरीकों को इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के हित में यही होगा कि वह अपनी धरती से जारी आतंकवाद को खुद ही उखाड़ फेंके। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी शुरुआत हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंपने से होनी चाहिए। ये दोनों न केवल भारत में ‘सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों’ की सूची में शामिल हैं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की घोषित आतंकवादियों की सूची में भी हैं।’
’ पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का प्रमुख अजहर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों, 2016 के पठानकोट हमलों और 2019 के पुलवामा हमले के लिए भारत में वांछित है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह का संस्थापक सईद मुंबई आतंकवादी हमले का षडयंत्रकर्ता माना जाता है और भारत में कई अन्य आतंकवादी मामलों में वांछित है। उन्होंने कहा, ‘‘आज पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों की रक्षा करने के भारत के अधिकार को स्वीकार कर रही है। आज दुनिया की कोई भी ताकत भारत को यह काम करने से नहीं रोक सकती।’’
सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका की भी सराहना की। पाकिस्तान द्वारा बार-बार वार्ता की पेशकश पर सिंह ने स्पष्ट किया, ‘‘यदि वार्ता होगी तो वह केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर होगी। यदि पाकिस्तान वार्ता के लिए गंभीर है तो उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंप देना चाहिए ताकि न्याय हो सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना ने अपनी मौन सेवा से हर भारतीय को प्रभावित किया है। मौन रहकर भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सेना को (एक सीमा तक) सीमित करने में सफलता हासिल की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘1971 गवाह है कि जब भारतीय नौसेना ने कार्रवाई की तो पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया।’’ ‘
ऑपरेशन सिंदूर’ पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारा हमला इतना शक्तिशाली था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत कम समय में पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों और उसके इरादों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस गति, गहराई और स्पष्टता के साथ हमारे सशस्त्र बलों ने काम किया, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न सिर्फ आतंकवादियों को बल्कि उनके संरक्षकों को भी स्पष्ट संदेश दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने अपनी शर्तों पर अपनी सैन्य कार्रवाई रोक दी।’’
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इस हमले के बाद भारत ने छह-सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया था।