अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अदाणी और कुछ अन्य पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद भारत ने शुक्रवार को कहा कि यह निजी कंपनियों और कुछ व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा एक कानूनी मामला है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे के बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘यह निजी कंपनियों और व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा एक कानूनी मामला है। ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी तरीके हैं, हमारा मानना है कि उनका पालन किया जाएगा।’

जायसवाल अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अदाणी और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस सवाल पर कि क्या अमेरिका ने अदाणी मामले पर कोई समन या वारंट भेजा है, उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है।

भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को पुष्टि की कि भारत को निजी फर्मों, व्यक्तियों और अमेरिकी न्याय विभाग तथा यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) से जुड़े हाल के “कानूनी मामले” पर अमेरिका से कोई सूचना नहीं मिली है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा, “हम इसे निजी फर्मों और व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा कानूनी मामला मानते हैं। जाहिर है, ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं, जिनका हमें विश्वास है कि पालन किया जाएगा। भारत सरकार को इस मुद्दे पर पहले से सूचित नहीं किया गया था।”

उन्होंने आगे कहा, “विभिन्न मीडिया (विदेशी और भारतीय) द्वारा अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के अभियोग की गलत समझ के कारण भारत की सबसे तेजी से बढ़ती हुई कॉरपोरेट कंपनियों में से एक के शीर्ष अधिकारियों पर लेन-देने के विभिन्न आरोपों में शामिल होने की गलत और लापरवाही पूर्ण रिपोर्टिंग हुई है।”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी इस विशेष मामले पर अमेरिकी सरकार के साथ कोई बातचीत भी नहीं हुई है।”

अमेरिका में भारतीय मिशन को इस मामले में किसी समन के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए जायसवाल ने कहा कि किसी विदेशी सरकार द्वारा समन या गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए किया गया कोई भी अनुरोध आपसी कानूनी सहायता का हिस्सा है, लेकिन ‘ऐसे अनुरोधों की योग्यता के आधार पर जांच की जाती है।’

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