यमन के विद्रोही समूह हूती ने लाल सागर में व्यापारिक समूहों पर हमला किया है, जिससे तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच यमन में राष्ट्रपति परिषद के उप नेता ने विदेशी मदद भी मांगी है। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों के अभियान के खिलाफ वो जमीनी अभियान शुरू करना चाहते है। बता दें कि हूती ने 19 जनवरी की सुबह दावा किया है कि अदन की खाड़ी में एक अमेरिकी जहाज पर उनकी नौसेना ने हमला किया है।
इस दावे के बाद अमेरिका भी चुप नहीं रहा और उसने भी यमन स्थित हूती ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जिस अमेरिकी जहाज पर हमला हुआ है उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। कहा जा रहा है कि जिस मिसाइल से हमला हुआ वो अमेरिकी जहाज को छूने से चूक गई।
बता दें कि ये एक सप्ताह में दूसरा मौका है जब अमेरिका द्वारा हूती एंटी शिप मिसाइलों के खिलाफ ताजा हमले शुरू होने के एक दिन बाद ही हूतियों ने उसके जहाज पर हमला किया है। गौरतलब है कि लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हो रही हुतियों द्वारा हमलों के कारण एशिया और यूरोप के बीच व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। इन हमलों के कारण इन दोनों महाद्वीपों के मुख्य देश के बीच चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो रही है।
भारत ने बृहस्पतिवार को लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति को ‘‘गंभीर चिंता का विषय’’ बताया और कहा कि वह क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब अदन की खाड़ी में मार्शल द्वीप के ध्वज वाले एक वाणिज्यिक जहाज पर बुधवार रात ड्रोन हमला होने के बाद भारतीय नौसेना का मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ तुरंत मदद के लिए आगे आया, जहाज पर नौ भारतीयों सहित चालक दल के 22 सदस्य सवार थे। जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हम पूरी स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। यह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है। वह लाल सागर की स्थिति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। लाल सागर का रणनीतिक महत्व है क्योंकि वैश्विक व्यापार का लगभग 15 प्रतिशत बाब अल-मंडब जलडमरूमध्य के माध्यम से गुजरता है। गाजा में इजराइल के सैन्य हमले के जवाब में हुती आतंकी नवंबर से लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमला कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा, ‘‘जो कुछ हो रहा है, सुरक्षा स्थिति में गिरावट को लेकर हम चिंतित हैं।’’