प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या और असद एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए एम्बुलेंस से अंदर क्यों नहीं लाया गया, उनकी परेड क्यों कराइ गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी। कोर्ट ने पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर मामले जस्टिस चौहान की कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने क्या किया बताए। सुप्रीम ने यूपी सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड कर लिया कि वह एक रिपोर्ट दाखिल करेगी। विकास दुबे एनकाउंटर जांच रिपोर्ट के आधार पर उठाए गए कदमों की भी जानकारी देगी।

सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पहले हुये असद एनकाउंटर पर हलफनामा मांगा है। यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं। कहा कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है। दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया। उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी। जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में पक्ष रखा। रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है। इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है। अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है। वहीं वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है।

 

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