संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती से पूर्व बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में अतःविश्वविद्यालयी भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय परिसर के विद्यार्थियों के साथ संबद्ध महाविद्यालयों से चयनित छात्रों ने भी प्रतिभाग किया। इससे पूर्व यह प्रतियोगिता महाविद्यालय स्तर पर आयोजित की गई थी।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने कहा की विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ अपनी रुचि के अनुसार अन्य क्षेत्रों में भी हिस्सा लेना चाहिए। इससे विद्यार्थियों का सार्वभौमिक विकास होता है। विश्वविद्यालय की ही कई विद्यार्थी अपनी कला के दम पर राजभवन तक की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वह अपने सहपाठियों को भी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें। कुलपति ने बाबासाहेब के व्यक्तित्व के बारे में बताते हुए विद्यार्थियों से कहा कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े।

मुख्य अतिथि भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि बाबा साहब का जीवन रचना, सृजन और संघर्ष का अप्रतिम उदाहरण है। शिक्षा से सामाजिक विकास और न्याय का सपना उन्होंने देखा था। हमारी जिम्मेदारी है कि हम विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए जुट जाएं।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान निर्माण करते हुए छात्रहितों का विशेष ध्यान रखा। संविधान लिखते समय हर वर्ग का ध्यान रखा। आप सभी को उनकी राह पर चलकर सामाजिक समरसता का माहौल बनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन और अतिथियों का स्वागत हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुन्ना तिवारी द्वारा किया गया। अतिथियों के प्रति आभार डॉक्टर श्रीहरि त्रिपाठी ने ज्ञापित किया। 

इस अवसर पर डॉ. विपिन प्रसाद, डॉ. सुधा दीक्षित, डॉ. शैलेन्द्र तिवारी, डॉ. पुनीत श्रीवास्तव, डॉ. द्युति मालिनी, डॉ. राघवेंद्र द्विवेदी, डॉ. रामनरेश दुहेलिया, डॉ. रेनू शर्मा, आशुतोष शर्मा, ऋचा सेंगर, गरिमा, आकांक्षा आदि उपस्थित रहे।

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