समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘डबल इंजन सरकार’ को ‘डबल ब्लंडर सरकार’ करार दिया। यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार डबल ब्लंडर सरकार है। महाकुंभ के आयोजन में सरकार पूरी तरह विफल रही है। इसमें भी उसने बहुत बड़ा घोटाला किया है। मां गंगा की सफाई का दावा करने वाले लोग पूरा बजट हड़प गए। सड़कों के गड्ढे समतल करने के नाम पर सारा पैसा अपनी जेब में रख लिया। भाजपा सरकार भ्रष्ट और बेईमान सरकार है।

अब गंगा नहा आया हूं, क्या धुलवाओगे?: अखिलेश
मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मैं कन्नौज में एक मंदिर गया था। मेरे जाने के बाद भाजपा वालों ने मंदिर को गंगाजल से धोया। मुख्यमंत्री आवास में कई मुख्यमंत्री रहे हैं। वे आए और गए, लेकिन किसी ने भी मंदिर को गंगाजल से नहीं धुलवाया, लेकिन मेरे जाने के बाद भाजपा वालों ने मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाया।” सपा प्रमुख ने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि मैंने महाकुंभ में गंगा जी में स्नान किया, भाजपा वाले बताएं कि वे मां गंगा को कैसे और किससे धुलवाएंगे। यादव ने यह भी कहा कि महाकुंभ आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह आम लोगों का आयोजन है।

मुख्यमंत्री को उर्दू भाषा के बारे में कुछ भी नहीं पता:अखिलेश
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार इसे आयोजित करने में विफल रही। हर जगह अराजकता थी। उससे ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री ने (उप्र) विधानसभा में उर्दू भाषा पर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री को उर्दू भाषा के बारे में कुछ भी नहीं पता। उन्हें नहीं पता कि उर्दू एक भारतीय भाषा है, इसका विकास यहीं हुआ। अगर विधानसभा अध्यक्ष सदन में मुख्यमंत्री को उर्दू के बारे में कुछ कहने से रोकने के बजाय मुस्कुरा रहे हैं, तो इससे बड़ी लोकतंत्र की हत्या नहीं हो सकती। अगर मुख्यमंत्री कुछ गलत कहते हैं, तो उन्हें रोकना अध्यक्ष की जिम्मेदारी है।

हम चाहते हैं कि कानपुर के उद्योग और कारखाने चलें:अखिलेश
कानपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने आए सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि उर्दू दरअसल संस्कृति की भाषा है और यह बहुत कुछ सिखाती है। सपा प्रमुख ने दावा किया कि गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की संस्थाओं के बीच विवाद है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि कानपुर के उद्योग और कारखाने चलें। कानपुर का जो नाम और प्रतिष्ठा थी, वह फिर से होनी चाहिए। कानपुर लोगों को नौकरी और रोजगार देता था। यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता था। आज भाजपा सरकार कानपुर की अनदेखी कर रही है। इस बजट से भी कानपुर और प्रदेश की जनता निराश है। भाजपा सरकार ने कानपुर की उपेक्षा की है। कानपुर को कुछ नहीं दिया गया।

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