श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने उम्मीद जताई है कि तीस अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन भव्य राम मंदिर में श्री राम दरबार की स्थापना हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जून में कोई पावन तिथि तय करके सभी विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह कार्यक्रम त्रिदिवसीय होगा। मुख्य दिवस से दो दिन पहले प्रारम्भ होकर जलवास,अन्नवास, औषधिवास, शैय्यावास जैसी अनिवार्य अनुष्ठानिक प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।       

सभी मूर्तियां लगभग तैयार
कारसेवक पुरम में अपने शिविर कार्यालय पर चंपत राय ने रामलला के सूर्य तिलक की व्यवस्था के बारे में भी विस्तार से बताया। साथ ही पेपर वर्क, प्रयोगशाला के बाद भौतिक रूप से कार्य संपादित करने वाले वैज्ञानिकों के बारे में बताया, यह भी जोड़ा कि सूर्य तिलक की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की थी। एक प्रश्न के उत्तर में महामंत्री ने कहा कि सभी मूर्तियां लगभग तैयार हैं। वस्त्र और आभूषण तैयार कराए जा रहे हैं।

इस दिन से शुरू होगा मूर्तियों को लाने का क्रम
चंपत राय ने बताया कि 15 अप्रैल के बाद मूर्तियों को लाने का क्रम प्रारम्भ हो जाएगा। सफेद मकराना पत्थर की मूर्तियां भारी हैं, इसलिए उन्हें लाकर निर्धारित स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा। इसमें संत तुलसीदास की मूर्ति स्थापित हो चुकी है। कुल 18 मूर्तियां जयपुर से आनी हैं। सप्तमंडप की महर्षि बाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां तैयार होने को हैं। वस्त्राभूषण बन रहे हैं। परकोटे के अन्नपूर्णा , हनुमान जी शिव समेत सभी छह मन्दिरों के विग्रह भी आने हैं। शेषावतार मन्दिर में अभी समय है। उन्होंने बताया कि अप्रैल तक टावर क्रेन हट जाएगी तब उत्तर, दक्षिण में अधूरे छोड़े गए परकोटे का निर्माण होगा। 

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