मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में जारी आंदोलन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए महाराष्ट्र के जालना, छत्रपति संभाजीनगर और बीड जिलों में सोमवार को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों की सीमाएं भी एहतियातन सील कर दी गई हैं।
एक अधिकारी ने राज्य गृह विभाग के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सोशल मीडिया मंचों पर अफवाहों के प्रसार के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक निलंबित कर दी गई हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बीड जिले में बिना अनुमति के प्रदर्शन करने के आरोप में तीन मामले दर्ज किए गए हैं और राज्य परिवहन की एक बस को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले, जरांगे द्वारा मराठा आरक्षण के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को देखते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर महाराष्ट्र के जालना जिले के अंबड तालुका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जालना के जिलाधिकारी श्रीकृष्ण पांचाल ने आदेश में कहा कि जरांगे ने रविवार को घोषणा की कि वह मुंबई जाएंगे और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को लेकर आंदोलन करेंगे।
इसमें कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि लोग उन्हें (मुंबई जाने से) रोकने के लिए जालना के अंतरवाली सरती गांव में आ सकते हैं, जहां कार्यकर्ता भूख हड़ताल कर रहे हैं।
आदेश में कहा गया है कि भारी भीड़ के कारण धुले-मुंबई राजमार्ग और आसपास के अन्य इलाकों पर यातायात प्रभावित होने की आशंका है।
आदेश में कहा गया है कि इससे शांति और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है इसलिए जिलाधिकारी द्वारा अंबड तालुका में सीआरपीसी की धारा 144 (2) के तहत सोमवार आधी रात से अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।
महाराष्ट्र विधानमंडल ने पिछले मंगलवार को एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया था लेकिन जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत समुदाय के लिए आरक्षण और कुनबी मराठों के ‘सगे संबंधियों’ के लिये अधिसूचना को कानून में बदलने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
जरांगे ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए और बताना चाहिए कि कुनबी मराठों के ‘सगे संबंधियों’ पर अधिसूचना क्यों लागू नहीं की जा रही है।
जरांगे ने रविवार देर रात यह टिप्पणी तब की जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कार्यकर्ता को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
जरांगे ने रविवार को जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में आरोप लगाया कि फडणवीस उनकी ‘‘हत्या करने’’ की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और उप मुख्यमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें ‘सेलाइन’ के जरिए जहर देने की कोशिश की गई थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।