लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक और टॉप कमांडर रजाउल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह खालिद को अज्ञात बंदूकधारियों ने रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गोली मारकर ढेर कर दिया। सैफुल्लाह 2006 में नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। सिंध में कड़ी सुरक्षा के बीच उसका जनाजा उठाया गया जिसमें लश्कर के कई आतंकी शामिल हुए।
पाकिस्तानी झंडे में लिपटा शव
सैफुल्लाह खालिद के जनाजे की नमाज में लश्कर के कई खूंखार आतंकी मौजूद थे। उसकी लाश को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था जिसके बाद लश्कर के आतंकवादियों ने बारी-बारी से उसकी अंतिम नमाज अदा की। रविवार को अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर सैफुल्लाह को मौत के घाट उतार दिया था। वह लश्कर के नेपाल मॉड्यूल का इंचार्ज भी था और पाकिस्तान में रहकर लश्कर के लिए आतंकियों की भर्ती का काम देखता था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ी थी सुरक्षा, फिर भी हुआ हमला
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में लश्कर के शीर्ष आतंकियों की सुरक्षा पाकिस्तानी सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने बढ़ा दी थी। ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर का मुख्यालय मुरीदके भारतीय सेना के निशाने पर था और उसे मिसाइल से उड़ा दिया गया था। इसके बाद सैफुल्लाह को भी लश्कर की तरफ से घर से ज्यादा बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई थी और उसकी सुरक्षा भी बढ़ाई गई थी।
हाफिज सईद के करीबियों पर लगातार हमले
हाल के दिनों में लश्कर के सरगना हाफिज सईद के कई करीबी आतंकियों की पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में हत्या हुई है। खुद हाफिज सईद पर भी लाहौर में उसके घर के पास एक फिदायीन हमला हुआ था जिसमें वह बाल-बाल बचा था।
पहले भी मारे गए कई टॉप आतंकी
सैफुल्लाह से पहले हाफिज सईद के साए की तरह रहने वाले भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल की भी 16 मार्च को पाकिस्तान में हत्या कर दी गई थी। अबु कताल लश्कर का एक खूंखार आतंकी था जिसने कश्मीर में सेना पर कई बड़े हमलों को अंजाम दिया था। अबु कताल से पहले दिसंबर 2023 में कराची में लश्कर के एक और टॉप कमांडर हंजला अदनान की हत्या कर दी गई थी जो हाफिज सईद के बेहद करीबी आतंकियों में शुमार था। उससे भी पहले सितंबर 2023 में अज्ञात हमलावरों ने आतंकी रियाज अहमद उर्फ अबु कासिम की हत्या कर दी थी। इन सभी हत्याओं को हाफिज सईद के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।