हिमांशु मंत्री ने रविवार को यहां रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के दूसरे दिन विदर्भ के खिलाफ धैर्य और तकनीक का शानदार सामंजस्य दिखाते हुए शतक जड़ा जिससे मध्यप्रदेश ने अपनी पहली पारी में 252 रन बनाये।
हिमांशु ने 265 गेंद की पारी में 13 चौके और एक छक्के की मदद से 126 रन बनाये। मौजूदा सत्र में उनके तीसरे शतक से मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 82 रन की अहम बढत हासिल की।
पहली पारी में 170 रन बनाने वाले विदर्भ ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक अपनी दूसरी पारी में अथर्व तायडे का विकेट गंवाकर 13 रन बना लिये हैं। विदर्भ की टीम अब भी 69 रन से पीछे है।
हिमांशु की पारी के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीम में उनके बाद दूसरा सर्वोच्च स्कोर 30 रन सारांश जैन के नाम था।
मध्य प्रदेश ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 47 रन से आगे से की। कल के नाबाद बल्लेबाज हिमांशु और हर्ष गवली ने दूसरे विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी कर टीम के स्कोर को एक विकेट पर 81 रन तक पहुंचाया।
तेज गेंदबाज यश ठाकुर (51 रन पर तीन विकेट) ने गवली की 25 रन की पारी को खत्म कर इस साझेदारी को तोड़ा। मध्यप्रदेश ने इसके बाद 12 रन के अंदर दो और विकेट गंवा दिये।
अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव (40 रन पर तीन विकेट) ने कप्तान शुभम शर्मा को यॉर्कर पर बोल्ड किया जबकि ठाकुर ने वेंकटेश अय्यर (शून्य) को पगबाधा किया। हिमांशु को इसके बाद सागर सोलंकी (25) और जैन का अच्छा साथ मिला।
हिमांशु ने पांचवें विकेट के लिए सोलंकी के साथ 42 जबकि छठे विकेट के लिए जैन के साथ 73 रन की साझेदारी कर मैच में मध्यप्रदेश की वापसी करायी।
मैच के पहले दिन की तुलना में दूसरे दिन बल्लेबाजी के लिए परिस्थितियां थोड़ी बेहतर थी।
बायें हाथ के स्पिनर आदित्य सरवते और ऑफ स्पिनर अक्षय वाखरे (68 रन पर दो विकेट) ने मध्यप्रदेश के बल्लेबाजों को परेशान किया लेकिन हिमांशु ने क्रीज का शानदार इस्तेमाल करते हुए डट कर उनका सामना किया।
उन्होंने वाखरे की गेंद पर एक रन के साथ अपना शतक पूरा किया। वाखरे ने अपनी गेंद पर शानदार कैच लपक कर उनकी शतकीय पारी को खत्म किया। मध्यप्रदेश ने आखिरी तीन विकेट 21 रन के अंदर गंवा दिये।