हरियाणा और पंजाब की सरकारों के बीच एख बार फिर से पानी को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। एक तब शुरू हुआ जब हरियाणा ने पड़ोसी राज्य से भाखड़ा बांध से पीने का पानी उपलब्ध कराने की अपील की, अन्यथा जलाशय का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान चला जाएगा, लेकिन उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने पंजाब के समकक्ष भगवंत मान से भाखड़ा जलाशय को खाली करने की अपील की, जो अब निलंबित सिंधु जल संधि के तहत भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा संचालित सबसे बड़े बांधों में से एक है।
सैनी ने कहा कि हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला है और अतिरिक्त पानी हरि-के-पट्टन के रास्ते पाकिस्तान जाएगा, जो न तो पंजाब और न ही हरियाणा के हित में है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इससे दिल्ली में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी। हालांकि, मान ने हरियाणा को और पानी देने से इनकार करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य ने पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103% इस्तेमाल कर लिया है और भाजपा पर हरियाणा की मांगों को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
हरियाणा और पंजाब के बीच ताजा विवाद पहलगाम आतंकी हमले के बाद सामने आया है, जहां 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान अपनी जरूरतों को भाखड़ा और पोंग बांधों से पूरा करते हैं, जो सिंधु जल संधि का हिस्सा हैं। हालांकि, पहलगाम हमले के मद्देनजर संधि को निलंबित कर दिया गया था। सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद, हरियाणा के सीएम सैनी ने पंजाब सरकार से अधिक पानी की आपूर्ति करने की अपील की, क्योंकि हरियाणा को केवल 4,000 क्यूसेक पीने का पानी मिला था, जो राज्य की कुल मांग का लगभग 60% है।
पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को लेकर भी कई सालों से विवाद चल रहा है। 1981 में हुए जल बंटवारे के समझौते के अनुसार पानी के प्रभावी आवंटन के लिए दोनों राज्यों में नहर का निर्माण किया जाना था। पंजाब के सीएम भगवंत मान के हरियाणा को और पानी देने से इनकार करने वाले बयान पर राज्य के मंत्री अनिल विज ने कहा, “देश युद्ध के मुहाने पर खड़ा है… युद्ध के समय सभी को एकता दिखानी चाहिए। देश का बच्चा-बच्चा प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है। ऐसे समय में आंतरिक विवाद नहीं बढ़ाने चाहिए। पंजाब सीमावर्ती राज्य है। इस समय उसकी जिम्मेदारी कहीं ज्यादा है। मेरा मानना है कि भगवंत मान को इस समय अपना बयान वापस ले लेना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बुधवार को कहा कि जब देश पहलगाम जैसे आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट है तब ऐसे समय में भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा के साथ जल मुद्दे को उठाकर दोनों राज्यों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ट्टू ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘आप (मान) ने इस समय दो भाइयों (पंजाब और हरियाणा) को विभाजित करने की कोशिश की है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’’ बाद में बिट्टू ने एक बयान में कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में आतंकी हमले की निंदा की और सभी चाहते हैं कि इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।