हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में 21 वर्षीय एक चरवाहे की हत्या से तनाव फैल गया है। गुरुवार को संघनी गांव में भीड़ ने हत्या के आरोपियों के दो घरों को आग लगा दिया। आरोपी 40 वर्षीय मुसाफिर हुसैन ने कथित तौर पर मनोहर की हत्या कर दी थी और उसके शरीर को टुकड़ों में काटकर नाले में फेंक दिया था।
चंबा के एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि पुलिस ने मुसाफिर हुसैन और चार नाबालिगों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है। अभिषेक यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अपराध में शामिल सभी हथियार बरामद कर लिए गए हैं। वहीं बढ़ते तनाव के बीच सलूनी सब डिवीजन में कर्फ्यू लागू है।
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है जबकि विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने एनआईए जांच की मांग की है। जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि 1998 के सतरंडी शूटआउट मामले में भी हुसैन से पुलिस ने पूछताछ की थी, जिसमें आतंकवादियों ने 35 लोगों को मार डाला था। शनिवार को भाजपा ने राज्य भर में प्रदर्शन किया और सरकार पर पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जयराम ठाकुर को इलाके में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया।
पुलिस ने कहा कि हुसैन को शक था कि मनोहर का उसकी नाबालिग भतीजी के साथ संबंध है। पुलिस के अनुसार हुसैन ने कथित तौर पर मनोहर को अपने घर बुलाया, जहां उसने उसे मार डाला। बता दें कि छह जून को मनोहर लापता हो गया था। मनोहर पहाड़ी की चोटी पर अपने खच्चरों को चराने गया था। तीन दिन बाद उसके शरीर के अंग तीन थैलों में मिले। चंबा के किहार थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। मनोहर अपनी तीन बहनों में एकलौता भाई था।
गुरुवार को किहार थाने के बाहर हजारों की भीड़ जमा हो गई और सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद भीड़ ने संघनी की ओर कूच किया, जहां उन्होंने हुसैन के घरों में आग लगा दी। 21 वर्षीय छात्र और सलूनी निवासी राकेश शर्मा ने कहा, “चंबा में ऐसा शायद पहली बार हुआ है। मुझे विश्वास है कि तनाव केवल बढ़ेगा। हालांकि चंबा आम तौर पर एक शांत जगह है, लेकिन जब कुछ होता है, तो इसका स्थायी प्रभाव पड़ता है।”
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया था कि हुसैन ने नोटबंदी के बाद 95 लाख रुपये की नकद राशि का आदान-प्रदान किया था। उसके बैंक खाते में 2 करोड़ रुपये थे।