उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मेला देखकर लौट रहे दो मासूम बच्चों की नहर में डूबने से मौत हो गई। वहीं हादसे की सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंच गए। परिजन आनन-फानन में दोनों मासूम बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उपचार के दौरान दोनों मासूम बच्चों को मृत घोषित कर दिया। मासूमों की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन रोते बिलखते दोनों बच्चों के शवों को कंधे पर डालकर इधर-उधर भटकते दिखाई दिए कि कही कोई सरकारी वाहन मिल जाए।

नहर को देखकर नहाने के लिए उतरे बच्चे
आपको बता दें कि पूरा मामला हाथरस कोतवाली चन्दपा क्षेत्र के गांव कोटा के पास स्थित नहर का बताया जा रहा है। जहां गांव चमरूआ के रहने वाले चार मासूम बच्चे गांव कोटा में लगे मेला देखने गए हुए थे। जब चारों बच्चे गांव कोटा से मेला देखकर अपने गांव चमरूआ वापस लौट रहे थे। तभी रास्ते में पड़ी नहर को देखकर नहाने के लिए रुक गए। जिनमें चार बच्चों में से दो बच्चे मोनू और चेतन नहाने के लिए नहर में उतर गए और दो बच्चे नहर के बाहर खड़े होकर नहा रहे दोनों बच्चे मोनू और चेतन को देखने लगे। काफी देर बाद जब बाहर खड़े बच्चों को मोनू और चेतन नहीं दिखाई दिए तो उन्होंने गांव चमरूआ में जाकर मोनू और चेतन के परिजनों को पूरी घटना बताई।

बच्चों की मौत से पेरिजनों में हाहाकार 
आनन-फानन में दोनों बच्चों के परिजन घटना स्थान पर पहुंच गए और काफी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों को खोज कर बाहर निकाला। घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। वहीं बच्चों के परिजन दोनों बच्चों को तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आए। जहां पर डॉक्टरों ने दोनों मासूम बच्चे मोनू और चेतन को मृत घोषित कर दिया। बच्चों की मौत की खबर सुनकर परिजनों में हाहाकार मच गया। परिजन बच्चों के शवों को अस्पताल की इमर्जेंसी वार्ड से कंधे पर लेकर वापस घर ले गए।

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आई सामने 
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापवाही देखने को मिली है। जहां जिला अस्पताल की इमर्जेंसी वार्ड में दोनों बच्चों को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया। परिजन मासूम बच्चों के शवों को कंधे पर उठाकर घर वापस ले गए लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनको कोई स्ट्रैचर और शव वाहन तक मुहैया नहीं कराया गया। परिजन दोनों मासूम बच्चों के शवों को कंधे पर उठाकर अस्पताल परिसर में इधर उधर सरकारी वाहन की तलाश करते रहे, लेकिन जब वाहन नहीं मिला तो कंधे पर ही उठाकर जिला अस्पताल के बाहर ले गए। जहां से एक प्राइवेट वाहन के सहारे मासूम के शवों को घर वापस ले गए।

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