स्वामी प्रसाद मौर्य को अपनी बेटी संघमित्रा मौर्य का रोना पसंद नहीं आया है। इसके लिए उन्होंने बेटी को फटकार लगाई है और कहा कि उन्हें ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए थी। राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन उन्हें रोना नहीं चाहिए था। बता दें कि भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसमें वह रोती हुई नजर आ रही हैं। वहीं, जब वीडियो वायरल हुआ तो कहा जाने लगा कि बदायूं से टिकट कटने पर संघमित्रा फूट-फूट कर रोई हैं। इस पर अब उनके पिता ने उन्हें फटकार लगाई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि संघमित्रा का रोना उन्हें पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा, ”रोना-धोना बेहद ही ओछी बात है। अगर पार्टी टिकट काटती है तो भी इस पर किसी को रोने का अधिकार नहीं है। मैं इस तरह की राजनीति व आचरण को पसंद नहीं करता।”
भाजपा ने बदायूं संसदीय क्षेत्र में संघमित्रा मौर्य को प्रत्याशी न बनाकर उनकी जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को उम्मीदवार घोषित किया है। संघमित्रा अभी हाल ही में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी की स्थापना करने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं, जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में श्रम मंत्री पद से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। स्वामी मौर्य सपा से कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव हार गए, लेकिन सपा ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और फिर विधान परिषद सदस्य बनाया। हालांकि, उन्होंने वैचारिक मतभेद के चलते विधान परिषद की सदस्यता और सपा से त्यागपत्र दे दिया। मौर्य को रामचरित मानस समेत धर्म से जुड़े कई मामलों पर अपनी विवादित टिप्पणी के चलते भाजपा और हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। उनके खिलाफ लखनऊ, प्रतापगढ़ समेत कई क्षेत्रों में प्राथमिकी भी दर्ज हुई।