10 मई को होने वाले कर्नाटक चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस में सियासी घमासान जारी है। दोनों तरफ से खूब तंज कसे जा रहे हैं। इसी बीच अब बीजेपी ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा अपने भाषण में “कर्नाटक की संप्रभुता” शब्द इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है। इसको लेकर बीजेपी के नेताओं ने चुनाव आयोग को शिकायत पत्र सौंपा है और चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी ने पिछले हफ्ते शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने 6.5 करोड़ आबादी वाले कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया। पार्टी ने उनकी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह जनसभा को संबोधित करती दिख रही हैं। कांग्रेस ने सोनिया गाँधी के बयान का जिक्र करते हुए ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था – “कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करने देगी।”
सोनिया गाँधी के इसी बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। शिकायत दर्ज कराने वाली केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने इस बयान को हर तरह से अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि सोनिया गाँधी ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया।
भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति की संयोजक करंदलाजे ने निर्वाचन आयोग से वरिष्ठ कांग्रेस नेता के खिलाफ FIR दर्ज करने और कार्रवाई करने का निर्देश जारी करने की भी मांग की। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सोनिया गांधी ने संप्रभुता शब्द का इस्तेमाल जानबूझकर किया।
भूपेंद्र यादव बोले- कांग्रेस का घोषणापत्र एक तरह से टुकड़े-टुकड़े गैंग का एजेंडा है, इसीलिए वे इस तरह के शब्द भी इस्तेमाल कर रहे हैं। चुनाव आयोग ऐसे देश-विरोधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे यही हमारी मांग है। अब देखना होगा की बीजेपी के इस शिकायत को इलेक्शन कमिशन कितना गंभीरता से लेती है और क्या एक्शन लेती है।