केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि हरियाणा के फरीदाबाद में हर साल आयोजित होने वाला सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला राज्य की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गया है।

भारत और विश्व के कारीगरों और कलाकारों की कला, शिल्प और कौशल को प्रदर्शित करने वाला यह मेला सात फरवरी को शुरू हुआ था और रविवार को संपन्न हो गया।

आवास, शहरी मामलों और ऊर्जा मंत्री खट्टर ने कहा कि वार्षिक मेले में आने वाले लोगों की रिकॉर्ड संख्या और कलाकारों को देखते हुए सूरजकुंड मेले को शिल्प और कला का महाकुंभ कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि सूरजकुंड मेला वास्तव में राष्ट्रीय गौरव और हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गया है। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खट्टर रविवार को इस शिल्प मेले के 38वें संस्करण के समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे।

खट्टर ने कहा कि सूरजकुंड मेले के 28वें संस्करण से वह नियमित रूप से इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। वर्ष 2015 में पहली बार 20 देशों ने भाग लिया था, जिससे सूरजकुंड मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिला।

भाग लेने वाले देशों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के साथ ही सूरजकुंड शिल्प मेला हरियाणा को वैश्विक पहचान और गौरव दिला रहा है। हरियाणा के पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि पिछले साल इस मेले में 13 लाख पर्यटक आए थे और 2025 में यह संख्या बढ़कर 18 लाख हो गयी है।

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