सूडान में आर्मी और पैरामिलिट्री (अर्धसैनिक बल) रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच चल रही खूनी जंग को चार दिन पूरे हो गए हैं। चार दिन पूरी होने के बाद भी हिंसा अभी जारी है। दोनों ही पक्षों की तरफ से एक-दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं। सूडान की आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच चल रही इस लड़ाई की वजह से देश की राजधानी खार्तूम समेत कई इलाकों में माहौल काफी ख़राब चल रहा है। बमबारी और गोलीबारी से दहशत का माहौल बना हुआ है।

सूडान में आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच चल रही खूनी जंग की कीमत जनता को अपनी जान से चुकानी पड़ रही है। सिविल वॉर जैसी स्थिति से जूझ रहे सूडान में आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स की लड़ाई की वजह से अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीँ इस लड़ाई की वजह से अब तक 1,800 लोग घायल हो चुके हैं। जिस तरह से दोनों पक्षों के बीच लड़ाई चल रही है, ऐसा लगता है कि मरने वालों और घायलों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।

सूडान में चल रही हिंसा का असर कई भारतीय नागरिकों पर भी पड़ रहा है। खार्तूम में रह रहे कई भारतीय इस स्थिति की वजह से फंस गए हैं। एक भारतीय की तो इस वजह से मौत भी हो चुकी है। सूडान में भारतीय मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइज़री जारी करते हुए उन्हें अपने घरों में रहने और बाहर न निकलने की सलाह दी है। जंग की वजह से सूडान में हवाई व्यवस्था के बाधित होने की वजह से ये लोग देश भी नहीं छोड़ सकते।

सूडान में आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच जंग का कारण है देश की पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स की एक मांग। दरअसल रैपिड सपोर्ट फोर्स चाहती है कि उन्हें देश की आर्मी में शामिल किया जाए और आर्मी का दर्जा दिया जाए। पर सूडान की आर्मी इसके खिलाफ है। इसी वजह से दोनों पक्षों के बीच खूनी जंग चल रही है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे के ठिकानों पर भी लगातार हमला कर रहे हैं।

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