हिंसाग्रस्त सूडान से सऊदी अरब लाए गए 360 भारतीयों को लेकर पहली उड़ान ने जेद्दा हवाई अड्डे से उड़ान भरी और बुधवार 26 अप्रैल को रात करीब 9 बजे भारत पहुंची। ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा पोर्ट सूडान से सऊदी अरब में जेद्दा तक भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है, जबकि अन्य को जहाज द्वारा ले जाया गया है। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। सूडान में दोनों गुटों ने सोमवार को अमेरिका और सऊदी अरब द्वारा मध्यस्थता के बाद 72 घंटे के युद्धविराम के लिए सहमति व्यक्त की थी। जिसके बाद से सभी देश अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में लगे हैं।



विदेश मंत्री ने कहा कि मैं अभी यहां पनामा में हूं। हालांकि, मेरा दिमाग सूडान में है। हम वहां ‘ऑपरेशन कावेरी’ को अंजाम दे रहे हैं, जिसके तहत हम सूडान में फंसे भारतीयों को निकालना और बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम उन्हें वापस लाने या किसी अन्य देश में स्थानांतरित करने और उनकी सुरक्षित निकासी के लिए काम कर रहे हैं।

सूडान में 14 अप्रैल को दो जनरलों के रूप में लड़ाई शुरू हुई। एक सेना का प्रभारी और दूसरा जो अर्धसैनिक समूह सत्ता संघर्ष में लगे हुए हैं। संघर्ष एक तख्तापलट में निहित है जिसमें देश के लंबे समय से चले आ रहे तानाशाह उमर अल-बशीर को 2021 में उखाड़ फेंका गया था।

हालांकि प्रतिद्वंद्वियों, सूडानी सेना के प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान डागलो ने हाथ मिलाया। वे सत्ता के बंटवारे पर एक समझौते पर नहीं आ पाए हैं।

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