साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को होने जा रहा है। हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसीलिए इसका सूतक काल भी भारत में नहीं माना जाएगा। लेकिन अब एस्ट्रो एक्सपट्र्स की गणनाओं के मुताबिक जब चीन से कोरोना (कोविड 19) की शुरुआत हुई थी, तब चीन में सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। मान्यताओं के मुताबिक सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से ग्रह-नक्षत्रों में फेर-बदल होते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि प्राकृतिक आपदा, माहामारी, वायरस जनित बीमारियां या फिर अशुभ घटनाएं जरूर दस्तक देती हैं। ये घटनाएं मानव जीवन पर संकट लाती हैं। ठीक उसी तरह इस साल भी एस्ट्रो एक्सपर्ट की नजर साल के इस पहले सूर्यग्रहण पर टिकी हुई है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जानें सूर्य ग्रहण को लेकर क्या कह रहे हैं एस्ट्रो एक्सपर्ट…

20 अप्रैल को पडऩे वाला पहला सूर्य ग्रहण दक्षिणी प्रशांत महासागर के देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस तथा पापुआ न्यूगिनी में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण इन देशों में सुबह 7 बज कर 5 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक दिखाई देगा। यह वलयाकार होगा, इसे कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है।

यह ग्रहण गुरुवार के दिन सूर्य के चन्द्रमा के साथ अश्विनी नक्षत्र में रहते हुए लगने जा रहा है। अश्विनी नक्षत्र केतु का नक्षत्र माना जाता है। इसीलिए भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस हावी हो सकता है। इसके मामलों में इस दौरान लगातार इजाफा हो सकता है। इसीलिए इस अवधि के बाद लोगों को सावधानी का खास ख्याल रखना होगा।

साल 2023 का यह पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि में लग रहा है। यही राशि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का जन्म लग्न स्थान है। मेष राशि में पडऩे वाला यह ग्रहण पाकिस्तान में बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल के संकेत दे रहा है। पाकिस्तान की कुंडली में वर्तमान में शनि और शुक्र में राहु की अशुभ विंशोत्तरी दशा चल रही है। यही दशा इस देश में राजनीतिक हिंसा, उपद्रव के योग बना रही है। पाकिस्तान की ऐसी स्थिति में विदेशी हस्तक्षेप भी हो सकता है।

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