सोने की कीमतों में हाल ही में गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि क्या इस समय सोने की खरीदारी करनी चाहिए या और गिरावट का इंतजार किया जाए। इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतें लगातार दूसरे हफ्ते गिरी हैं, जो कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती पर दिए गए बयान और डॉलर में मजबूती के कारण हुई है।
MCX पर फरवरी 2024 का सोने का कॉन्ट्रैक्ट 76,655 रुपये प्रति 10 ग्राम पर और स्पॉट गोल्ड की कीमत 2,633.2 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। हालांकि, वैश्विक राजनीति में चल रही अस्थिरता के कारण सोने की कीमतों में गिरावट सीमित रही है।
कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने के लिए लंबे समय तक सकारात्मक संकेत बने हुए हैं, लेकिन छोटे समय में सोने के भाव घरेलू बाजार में 75,800 रुपये से 77,500 रुपये के बीच रह सकते हैं। इंटरनेशनल मार्केट में भी कीमतें एक सीमा के भीतर रह सकती हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की दिशा का निर्धारण 17-18 दिसंबर को होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक के बाद तय होगा।
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ती हैं, तो सोने की कीमतें 3,150 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। इसके अलावा, अमेरिका की पॉलिसी की प्राथमिकताएं भी अगले साल सोने के भाव की दिशा तय करेंगी।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट, जितेन त्रिवेदी के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बनाए रखेंगे। उनका मानना है कि आने वाले कुछ समय में सोना इंटरनेशनल मार्केट में 2,600 से 2,700 डॉलर के बीच कारोबार कर सकता है।
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि सोने में निवेश करने वाले लोग इसे लंबी अवधि के नजरिए से करें, क्योंकि सोने के लिए मजबूत संकेत बने हुए हैं और आने वाले समय में कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।