समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल, अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘सामाजिक न्याय’ एक आंदोलन है, इसमें हाथ-से-हाथ मिलाकर साथ चलना है। इसमें जितने लोग जुड़ते जाएंगे, ये आंदोलन उतना ही सशक्त होगा और उतनी ही जल्दी अपने मकसद में कामयाब होगा।” इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए है।
इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव के साथ दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया था। अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा कि प्रतिमा के अनावरण से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में एक स्पष्ट संदेश गया है। कांग्रेस के साथ अखिलेश यादव के तल्ख रिश्तों के बीच स्टालिन से उनकी बढ़ती करीबी के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। इस पर भी केशव मौर्य ने पलटवार करते हुए लिखा था कि ‘पिछड़ों को 27 फ़ीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक काम पूर्व प्रधानमंत्री श्री वी पी सिंह जी ने किया था। लेकिन उनको अधिकार देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। तमिलनाडु में विश्वनाथ जी की मूर्ति अनावरण में शामिल होकर अखिलेश यादव पिछड़ों को गुमराह नहीं कर सकते।