जिले से हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक जिंदा पत्नी सरकारी कागजों में मृत दिखा दी गई है। कागजों में मृत महिला जिंदा है और अपने जिंदा होने की सबूत देने के साथ ही न्याय पाने के लिए अपने बच्चियों के साथ कपूरी देवी उर्फ गंगा भारती दर-दर भटक रही है। मामला मेहदावल तहसील क्षेत्र के ग्राम बरईपुर नौलखा गांव का है। जहां के रामजीत हरिजन ने सन 2003 में गोरखपुर के निवासी कपूरी देवी उर्फ गंगा भारती के साथ शादी की थी और उसे दो बच्चियों के साथ घर से निकाल दिया। घर से बेघर हुई पीड़ित महिला सरकारी दस्तावेजों में जिंदा होने की गुहार लग रही है। लेकिन उसे वर्षों से सिर्फ मिल रहा तो आश्वासन। महिला ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
कोईलारी में नौकरी कर रहे रामजीत हरिजन की पहली पत्नी का देहांत सन 2002 में हो चुका था। पहली पत्नी के देहांत होने के बाद धोखाधड़ी करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृत पत्नी की सेवा का लाभ लेता रहा। जब मामले की पोल खुली तो रामजीत हरिजन ने ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी से मिली भगत कर फर्जी दस्तावेज के आधार पर कपूरी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया। जब इस बात की जानकारी जीवित कपूरी देवी उर्फ गंगा भारती को हुई तो शॉक रह गई। उसने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों कोईलरी और अपने गृह जनपद के अधिकारियों से करते हुए न्याय की मांग करते हुए अपने जिंदा होने की सबूत दे रही है।
जीवित पत्नी की शिकायत की जानकारी होने पर उसके पति रामजीत हरिजन और पूर्व पत्नी के बच्चे प्रहलाद एवं लड़किया अंशू, नेहा के द्वारा जान से मारने की धमकी दी जा रही है। वहीं मामले की पोल खोलने पर ग्राम प्रधान के द्वारा पीड़ित महिला को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे रामजीत हरिजन और जिम्मेदारों के कारनामे राज ना खुले और महिला चुपचाप अपना मुंह बंद कर ले।
पीड़ित महिला कपूरी देवी उर्फ गंगा भारती ने कहा कि वर्षों से न्याय पाने के लिए अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर कट रही हूं, लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है। उनके द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर न्याय की मांग करी गई है। उन्होंने कहा कि हमें अब मुख्यमंत्री जी से उम्मीद है कि न्याय मिलेगा इसीलिए मैंने पत्र भेज कर गुहार लगाई हूं। पीड़ित महिला का कहना है कि हमारी बच्चियों का और हमारा नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज हो और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले और करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई उन पर की जाए।