वाराणसी। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रांगण में शनिवार को 41वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान 14167 उपाधियां बांटी गयी। इसके अलावा 30 मेधावियों को 59 मेडल दिया गया। वहीं राज्यपाल ने सभी 14167 उपाधियों को एक क्लिक में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड किया। इसके बाद उन्होंने मेधावियों को गोल्ड मेडल दिया और उन्हे भविष्य के लिए शुभकामना दी। राज्यपाल ने कहा कि जो होनहार होगा जगह अब उसी को मिलेगी। पिछले 250 साल में इस विश्वविद्यालय ने भारत को अनेक विद्वान दिये हैं लेकिन पिछले 15-20 सालों में विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है जिसपर हम सभी को सोचते हुए पुनः इस विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने को सामुहिक प्रयास करना होगा।

वहीं अथर्वेद से स्नातक ऋषभ को 5 गोल्ड मेडल मिले हैं। ऋषभ प्रयागराज के रहने वाले हैं। ऋषभ ने बताया की वो आगे अथर्ववेद में ही अपना भविष्य बनाएंगे और अथर्ववेद में रिसर्च करना चाहते हैं। उन्होंने बताया की बनारस आकर हमेशा मन प्रसन्न हो जाता है। यहां अध्ययन करने के बाद आज 5 गोल्ड मेडल मिला है यह सब बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद है।

छात्र-छात्रों कोई मैडल और उपधियां बांटने के बाद राज्यपाल ने एक बार फिर महिलाओं की हैसलाअफजाई की है और कहा कि संस्कृत में महिलाओं व छात्राओं के द्वारा पीएचडी उपाधि प्राप्त करने पर भी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे हमारी ज्ञान परंपरा विश्व में फैलेगी। उन्होंने काशी को न्याय की भूमि बताया। उपाधियां अब डिजिलॉकर में आ गयी हैं जिससे कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है।

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