देश के उत्तर-पश्चिम हिस्‍से में अगले दो से तीन दिनों में तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग ने लू चलने की चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि दक्षिण हरियाणा, उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र और झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में लू की स्थिति बने रहने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के लिए लू की चेतावनी जारी की गई है। सोमवार को पश्चिमी राजस्थान में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस और पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश में गर्म मौसम की स्थिति में तेजी आने के साथ ही राज्य के दक्षिणी हिस्से लू की चपेट में आ गए हैं। जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहा। इसके आलावा 25 मई से नौतपा शुरू हो जाएगा, जो 2 जून तक रहेगा इस दौरान भी गर्मी से राहत मिलने के आसार कम हैं।

ऐसा रहेगा इन राज्यों का हाल

IMD वैज्ञानिक सोमा राय का कहना है कि सोमवार को दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार और बंगाल के लिए हीटवेव अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन कल मंगलवार को झारखंड और यूपी के अलावा कहीं भी हीटवेव अलर्ट जारी नहीं किया गया है। उन्होंने संभावना जताई है कि मंगलवार को दिल्ली, राजस्थान, पंजाब-हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश, झारखंड तक लोगों को हीटवेव से राहत मिल सकती है।

नौतपा क्या होता है

सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जात है। सूर्य 25 मई से लेकर 8 जून तक 23 अंश 40 कला तक रहेगा। इस काल को नौतपा कहा जाता है। नौतपा में सूर्य धरती के करीब रहता है और भारत में सूर्य की किरणें सीधे पड़ती है, जिससे तापमान में काफी वृद्धि होती है और लोगों को भयंकर गर्मी का सहन करना पड़ता है।

नौतपा के 9 दिनों में मौसम का ऐसा रह सकता है हाल

बता दें कि, नौपता की शुरुआत 25 मई से होगी और 2 जून तक रहेगी। इस दौरान 25 और 26 मई को सामान्य गर्मी रहने की संभावना है।फिर 27, 28, 29, 30 मई को प्रचंड गर्मी रहेगी और साथ ही तेज हवाएं चल सकती हैं। 31 मई, 1 जून और 2 जून को भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है।

नौतपा जरूरी है

अगर आपके मन में यह सवाल आता है कि नौतपा के 9 दिनों में प्रंचड गर्मी पड़नी जरूरी होती है तो आपको बता दें कि इस समय समुद्र के पानी का वाष्पीकरण ( Evaporation ) होता है और इससे बादल बनते हैं। कहा जाता है कि नौतपा के पूरे नौ दिन तक अगर खूब गर्मी रहती है तो यह अच्छी बारिश होने का का संकेत होता है।

ज्योतिष की माने तो, नौतपा के 9 दिनों में तपना बहुत जरूरी है। क्योंकि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो और इसके साथ भरयंकर गर्मी पड़े तो वह नौतपा कहलाता है। वहीं सूरज जब रोहिणी नक्षत्र में होता है और उस दौरान बारिश अगर हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है।

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