रक्षा क्षेत्र में आज का दिन भारत के लिए तब यादगार बन गया जब आईएनएस इंफाल युद्धपोत भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इसकी कमीशनिंग मुंबई डॉकयार्ड में आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। आईएनएस इंफाल युद्धपोत पश्चिमी नेवी की कमान का हिस्सा बना है। इस युद्धपोत की सबसे खास बात यह है कि ये नए स्टील्थ गाइडेड मिसाइलों से लैस है। आईएनएस इंफाल युद्धपोत को सतह से सतह पर मार करने वाली 8 बराक, 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइलों, सर्विलांस रडार, 76 एमएम रैपिड माउंट गन और एंटी सबमरीन टॉरपीडो से लैस किया गया है। भारत सरकार द्वारा उठाया गया है कदम इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि हाल के दिनों में इंडियन ओसियन में पड़ोसी देश चीन की घुसपैठ बढ़ती जा रही थी।
तीन-चौथाई हिस्सा देशी
रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड ने इसे तैयार किया गया है। आईएनएस इंफाल युद्धपोत को बनाने में स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए का इस्तेमाल हुआ है। सरकार के मुताबिक इसका 75% हिस्सा देशी है।
विशाखापत्तनम कैटेगरी के 4 विध्वंसक में से आईएनएस इंफाल तीसरा है। इस युद्धपोत को इन-हाउस ऑर्गनाइजेशन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। बता दें कि इसे बेहद कम समय में तैयार किया गया है। इस वॉरशिप की आधारशिला मई 19, 2017 में रखी गई और दो साल के भीतर ही 20 अप्रैल, 2019 को इसे पानी में उतार दिया गया।
क्या है खासियत
हर विषम परिस्थिति से निपटने के लिए आईएनएन इंफाल सक्षम है। यह युद्धपोत परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले से भी निपट सकता है।
इसे बनाने में कंपाइंड गैस और गैस प्रोपल्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिस वजह से यह 30 नॉट्स की स्पीड से चलने में सक्षम है।
नेवी का कहना है कि हमारे देश में अब तक बने युद्धपोतों में आईएनएस इंफाल सबसे अच्छा है और आने वाले दिनों में यह युद्धक जहाज भारत की क्षमताओं का परिचायक बनेगा।
आज नौसेना में कमीशन होने के बाद यह युद्धपोत नौसेना की वेस्टर्न नेवल कमांड का हिस्सा बनेगा। इसकी लंबाई 535 फीट, ऊंचाई 57 फीट और वजन 7400 टन है।
एक समय में इस पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं और एक बार में यह युद्धपोत 42 दिनों तक समुद्र में सेवा दे सकता है। इसके अलावा इस पर ध्रुव और सी किंग हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जाने जितनी जगह है।