प्रभु श्री राम विग्रह के दौरान 22 जनवरी 2024 को सूत्रों के मुताबिक गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के आचार्य (मुख्य पुजारी) मौजूद रहेंगे। सबसे पहले PM मोदी प्रभु श्रीराम को आईने में उनका चेहरा दिखाएंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से 23 दिन पहले यानी 30 दिसंबर को मोदी अयोध्या आ रहे हैं। 30 दिसंबर को मोदी श्रीराम एयरपोर्ट और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन कर रोड शो करेंगे। इससे पहले मंदिर ट्रस्ट रामलला की बन रही 3 मूर्तियों में से एक का चयन कर लेगा। 29 दिसंबर को मूर्ति का चयन हो जाएगा। रामलला की इसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। आज और कल ट्रस्ट की बैठक है।
काशी के पंडितों ने यह मुहूर्त तय किया है। द्रविड़ बंधु पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पं. विश्वेश्वर शास्त्री ने बताया कि 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से मूल मुहूर्त होगा, जो 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक चलेगा यानी प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त कुल 1 मिनट 24 सेकेंड का ही होगा।
इस मुहूर्त की शुद्धि भी की जाएगी। मुहूर्त शुद्धि का समय 20 मिनट का होगा। यह 19 जनवरी की शाम 6 बजे से शुरू होगा, जो 6 बजकर 20 मिनट तक चलेगा। इसके बाद 20 जनवरी को सूर्योदय से पहले मुहूर्त शुद्धि का संकल्प होगा। पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही काशी कॉरिडोर के लोकार्पण और राम मंदिर शिलान्यास का मुहूर्त तय किया था। गुरुवार को आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द रामनगर की 84 कोस की परिधि में शराब बैन होगी। सभी दुकानें भी हटाई जाएंगी
नए मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की रूपरेखा भी सामने आई है। भगवान राम के बालरूप प्रभु रामलला की प्रतिमा की आंखों पर पट्टी लगी होगी। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान उनकी आखों से यह पट्टी हटाई जाएगी। इस समय पीएम नरेंद्र मोदी गर्भगृह में मौजूद रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आचार्यों की तीन टीमों का गठन किया गया है। आचार्यों के पहली टीम की अगुआई स्वामी गोविंद देव गिरी करेंगे। वहीं, आचार्यों की दूसरी टीम को कांची कामकोटि शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती लीड करेंगे। आचार्यों की तीसरी टीम में काशी के 21 विद्वान रहेंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया का भी विवरण भी सामने आया है। शास्त्रों के अनुसार, प्राण- प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह का परदा बंद रहता है। पट्टी हटाने के बाद मूर्ति को आइना दिखाया जाता हैं। मान्यता है कि भगवान अपने नए आवास में पहले खुद का चेहरा देखते हैं। इसके बाद वे अपने धाम से भक्तों को दर्शन देते हैं। इसको लेकर विधि को पूरा कराए जाने की तैयारी की गई है। पूरे शहर को इस कार्यक्रम के लिए सजाया जा रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों को सूरज की थीम वाले स्तंभों से सजाया जा रहा है। 30 फीट ऊंच स्तंभों पर एक सजावटी गोला बना हुआ है। यह रात की लाइटिंग में सूर्य का आभास देता है। धर्म पथ पर ऐसे 40 स्तंभ लगाए जा रहे हैं।