पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपनी पार्टी से अल्पसंख्यक मोर्चा को भंग करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्होंने लंबे समय तक “सबका साथ सबका विकास” का नारा दिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि कहा जाए, “जो हमारे साथ, हम उनके साथ हैं।”
अधिकारी ने कहा, “मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी और आपने भी कहा था ‘सबका साथ, सबका विकास’। लेकिन मैं अब यह नहीं कहूंगा। इसके बजाय, अब हम कहेंगे, ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ हैं’। यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ बंद करो। अल्पसंख्यक मोर्चा की कोई जरूरत नहीं है।” ‘सबके साथ, सबका विकास’ का नारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गढ़ा गया है और भाजपा ने विभिन्न अभियानों में इसे लोकप्रिय बनाया है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि हिंदू और संविधान को बचाने की लड़ाई जारी रहेगी और उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से उनका समर्थन करने का आग्रह किया। अधिकारी ने कहा, “मुझे जो कहना था, वह मैं पहले ही कह चुका हूं। लड़ाई जारी रहेगी। क्या आप सभी हमारे साथ जुड़ेंगे? क्या हम पहले की तरह मिलकर लड़ेंगे? हम जीतेंगे। हम हिंदुओं को बचाएंगे, संविधान को बचाएंगे।” हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हाथों सभी चार सीटें हार गई थी।
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को आरोप लगाया कि 50 लाख से अधिक हिंदुओं को लोकसभा चुनाव में वोट देने की अनुमति नहीं दी गई और दो लाख से अधिक हिंदुओं को उपचुनाव में मतदान करने से रोक दिया गया। अधिकारी ने कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, “बंगाल में लोकतंत्र मर चुका है। हमने आज एक जन आंदोलन शुरू किया है। लोकसभा चुनाव में करीब 50 लाख हिंदुओं को वोट नहीं देने दिया गया। राज्य में हुए 4 उपचुनावों में 2 लाख से अधिक हिंदुओं को वोट नहीं देने दिया गया। मैं एक पोर्टल शुरू कर रहा हूं। जिन लोगों को वोट देने की अनुमति नहीं है, वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं और पूरी गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी। मैं कानूनी लड़ाई भी शुरू करूंगा।” हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा की सीटें 18 से घटकर 12 रह गईं। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में 42 में से 29 सीटें जीती थीं।