कानपुर। सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ गई हैं। उनके वकील गौरव दीक्षित ने उनका केस लड़ने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि इरफान पर फीस के तौर पर 4 महीने में 32 लाख रुपए की पेमेंट बकाया है। केस की शुरुआत से लेकर अब तक मैं अपनी जेब से पैसा खर्च कर रहा हूं। अब ऐसे केस लड़ना संभव नहीं है। वकील ने विधायक के खिलाफ शिकायत भी दी है। गौरव दीक्षित ने बताया कि मैंने इरफान के परिजनों से कई बार फीस देने के लिए कहा, लेकिन हर बार उन्होंने टाल दिया। इससे परेशान होकर मंगलवार को मैंने एडीजे-1 कोर्ट से इरफान की जमानत अर्जी वापस ले ली थी। बुधवार को मैंने कोर्ट में मौखिक रूप से भी केस लड़ने से मना कर दिया।
बता दें कि पहले गौरव दीक्षित ही इरफान के सभी मामले देख रहे थे। अभी एक महीने पहले परिजनों ने वरिष्ठ अधिवक्ता करीम अहमद और शईद नकवी को भी हायर कर लिया। सपा विधायक इरफान सोलंकी के वकील गौरव दीक्षित ने बताया कि सोलंकी परिवार ने 4 महीने से पेमेंट नहीं किया गया, वह कई महीनों से उन्हें कुछ दिन की मोहलत देने को कह रहे थे, इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी से खुद पेमेंट मिलने का गौरव को आश्वासन मिला।
इरफान के भाई फरहान ने भी परिवार से बात करके कुछ दिनों में पेमेंट लीज कराने की बात कही। ऐसे में परिवार ने दो से तीन बार यही बात कह कर 20 तारीख को आखिरी समय मांगा, लेकिन तारीख आने पर फिर से बहाना देकर हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में इरफान के वकील का कहना है कि उन्होंने इस केस में रिमांड दिलवाने से लेकर सीडी असुरक्षित करवाने तक कई अहम फैसले इरफान के हक में करवाएं और इस काबिल बकायदा सोलंकी परिवार की रजामंदी के बाद ही उन्हें दिया गया लेकिन कई महीनों बाद भी परिवार द्वारा कोई पेमेंट नहीं करी गई।
सपा विधायक इरफान सोलंकी के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने अचानक मंगलवार को ज़मीन पर कब्ज़े के एक मामले में इरफान सोलंकी की ज़मानत अर्जी ADJ-1 कोर्ट से वापस ले ली। अगले दिन गौरव दीक्षित ने जज से मौखिक रूप से कारण बताते हुए कहा कि अब अपनी जेब से केस लड़ना उनके लिए संभव नहीं है। मामले में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि वकील की तरफ से जो भी शिकायत दी गई है। उसकी मेरिट के आधार पर जांच की जाएगी। उसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। बता दें कि विधायक सोलंकी मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता करीम अहमद और शईद नकवी भी पैरवी कर रहे हैं।