प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जहां भारतीय जनता पार्टी को हराने का दावा कर रहे है। वहीं, उनकी पार्टी में बगावत के सुर तेज होती जा रही है। पहले संभल में नगर पालिका अध्यक्ष का टिकट पूर्व मंत्री की पत्नी को मिलने पर सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और कुंदरकी से विधायक उनके पोते जियाउर रहमान बर्क ने अपना प्रत्याशी उतारकर पार्टी के खिलाफ बगावत कर दिया।
अब बलिया के सिकंदरपुर विधायक भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। पार्टी ने भी कई जगह प्रत्याशी का ऐलान करके उनका टिकट काट दिया और निर्दलीयों के समर्थन का ऐलान कर दिया।
बलिया के सिकंदरपुर में सपा ने दिनेश चौधरी को टिकट दिया है। इससे नाराज होकर सपा विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने भीष्म यादव को निर्दल मैदान में उतार दिया। अब वह अपने प्रत्याशी को पूरे दमखम के साथ भीष्म को चुनाव जिताने में लगे हैं। इसी तरह संभल नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर सांसद बर्क ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर फरहाना यासीन को उतार दिया है।

निकाय चुनाव में पार्टी की ओर से उम्मीदवारों के नाम बदलने का खेल भी खूब हुआ। इससे कई जगह पार्टी के अंदरखाने में विरोध के स्वर हैं। पार्टी ने झांसी महापौर पद के लिए पहले डॉ. रघुवीर चौधरी को उम्मीदवार बनाया। बाद में वहां से पूर्व विधायक सतीश जतारिया को प्रत्याशी घोषित कर दिया। गाजियाबाद से पहले नीलम गर्ग को और बाद में पूनम यादव को उम्मीदवार बना दिया।
इसी तरह नगर पालिका अध्यक्षों के भी टिकट बदले गए हैं। पिलखुवा में पहले मो. बिलाल को और बाद में प्रवीण प्रताप को टिकट दे दिया गया। खलीलाबाद में पूर्व चेयरमैन जगत जायसवाल ने सपा से पर्चा भरा और अगले दिन पवन छापड़िया को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
मेंहदावल से कृतिका पांडेय ने पर्चा भरा और उनकी जगह अब लक्ष्मी निषाद को उम्मीदवार घोषित कर दिया। हैंसर नगर पंचायत से मनीषा पासवान के पर्चा भरने के बाद सुभावती ने पर्चा दाखिल कर दिया।

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