मैं शुक्रगुजार हूं कि इन्होंने इस कार्यक्रम का नाम सनातन का विरोध नहीं बल्कि सनातन को मिटाओ रखा। बता दें कि उदयानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे भी हैं।
उधयानिधि के बयान पर तमिलनाडु भाजपा के चीफ के अन्नामलाई ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा, गोपालपुरम परिवार का एक ही संकल्प है कि राज्य की जितनी जीडीपी है उससे अधिक पैसा कमाना। आप और आपके पिता या आप लोगों की विचार ईसाई धर्म के मिशनरियों से खरीदे हुए विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।
इन मिशनरियों का विचार यही था आप जैसे मूर्खों को अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए तैयार करना। तमिलनाडु अध्यात्म की धरती है, आप जैसे लोग इस तरह के कार्यक्रम में माइक पकड़कर बस बोलने का काम कर सकते हैं और अपनी निराशा जाहिर कर सकते हैं।
बता दें कि उदयानिधि स्टालिन ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि आखिर क्या है यह सनातन का अर्थ। उन्होंने कहा कि सनातन लोगों को बांटने का काम करता था, यह लोगों को जाति के नाम पर बांटता है। लेकिन करुणानिधि ने सब समुदाओं को एक गांव में लाने का काम किया, उन्हें समथुपुरम यानि समान गांव में बसाया।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने उदयानिधि के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वह 80 फीसदी आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, जोकि देश में सनातन धर्म को मानते हैं। उन्होंने पूछा क्या मुंबई में इंडिया की बैठक में इसपर सहमति बनी थी ,जिसमे डीएमके अहम सदस्य है। ।