नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन में हंगामे को लेकर विपक्षी दलों पर सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रहार किया। उन्होंने मंगलवार को भारतीय वन सेवा के 54वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए किसी का नाम लिए बिना कहा कि कानून अपना काम कर रहा है तो भ्रष्टाचार करने वालों को ही आंच लग रही है। सरकार के हाल के कदमों से बिचौलिए-पावर ब्रोकर समाप्त हो गए हैं। कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए सड़क पर प्रदर्शन किया सही नहीं ठहराया जा सकता।

धनखड़ ने सदन में हो रहे हंगामे को लेकर भी पीड़ा व्यक्त की। अनुशासन की महत्ता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभी अनुशासन बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाना अपरिहार्य हो जाता है अन्यथा लोकतंत्र के मंदिरों की प्रतिष्ठा का क्षय होने लगेगा। राज्यसभा के सभापति के रूप में उनका यही प्रयास रहा है कि लोकतंत्र के मंदिरों में अनुशासन रहे। अनुशासन के बिना विकास संभव ही नहीं है।

आर्थिक राष्ट्रवाद की वकालत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि थोड़े से लाभ के लिए उपभोक्ताओं तथा व्यापारियों का विदेशी समान को प्राथमिकता देना सही नहीं है। हम आर्थिक राष्ट्रवाद को नजरंदाज नहीं कर सकते, देश की आर्थिक प्रगति इसी पर निर्भर करेगी।

धनखड़ ने प्रशिक्षु अधिकारियों वन, वन में रहने वाले मनुष्यों तथा अन्य प्राणियों की सेवा मन से करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे वन में रहने वाले समुदायों की विशिष्ट प्रकृति सम्मत जीवन शैली के प्रति संवेदनशील रहें तथा उनकी जीवन शैली से सीखें। इससे पहले उप राष्ट्रपति ने भारतीय वन सेवा के 54वें बैच के102 प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैच में भूटान के 2 अधिकारी भी शामिल हैं।

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