कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है जो लोगों का जीवन बदल देगा और कांग्रेस के सत्ता में आने पर मध्य प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी जाति जनगणना कराई जायेगी।

वह शुक्रवार को मध्य प्रदेश के सतना में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सबसे पहला काम प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सही संख्या जानने के लिए जाति आधारित जनगणना कराने का है। उन्होंने कहा ‘‘यह एक एक्स-रे की तरह है जो सभी (ओबीसी सहित सभी वर्गों की संख्या) वर्गों की स्थिति सामने लाएगा, जिसके अनुसार उनके कल्याण की नीतियां बनाई जाएंगी।’’

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह राष्ट्रीय स्तर पर भी जाति आधारित जनगणना कराएगी। उन्होंने इस कवायद को लोगों के लिए एक ‘क्रांतिकारी और जीवन बदलने वाला’ कदम बताया।

गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा कहते थे कि वह ओबीसी हैं, लेकिन कांग्रेस द्वारा देश में जाति जनगणना कराने का मुद्दा उठाने के तुरंत बाद उन्होंने इस बारे में बात करना ही बंद कर दिया।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश में राज्य को चलाने वाले 53 आईएएस अधिकारियों में से केवल एक ओबीसी से है। उन्होंने दावा किया कि इसका मतलब यह है कि यदि राज्य का कुल बजट 100 रुपये है, तो ओबीसी अधिकारी का नियंत्रण केवल 33 पैसे अथवा 0.03 प्रतिशत पर है।

गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि कर्ज संबंधी कठिनाइयों के कारण पिछले 18 वर्षों में मध्य प्रदेश में करीब 18,000 किसानों ने आत्महत्या की है।

उन्होंने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने छोटे-मध्यम व्यवसायों और व्यापारियों पर हमला किया। गांधी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप देश में भारी बेरोजगारी की स्थिति पैदा हुई।

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