राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 11 मई को अजमेर में जयपुर हाईवे घूघरा घाटी स्थित राजस्थान लोकसेवा आयोग मुख्यालय से अपनी अजमेर से जयपुर के बीच 125 किलोमीटर की पांच दिवसीय ‘जन संघर्ष यात्रा’ शुरू करेंगे। पायलट के समर्थको ने इस यात्रा को ऐतिहासिक एवं सफल बनाने के लिए अजमेर जिले में पीले चावल बांटना शुरू कर दिया गया है। वहीं बुधवार को पायलट ने इसका पोस्टर जारी किया, इसमें सोनिया गांधी की तो तस्वीर है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीर नहीं है।

अजमेर के पूर्व सांसद पायलट अपनी संघर्ष यात्रा में भ्रष्टाचार के खिलाफ तथा युवाओं को संरक्षण देने की बात कह कर जनता के बीच जाने की बात कह चुके हैं। यही कारण है कि राजस्थान लोकसेवा आयोग से संघर्ष की शुरुआत की जा रही है। पेपरलीक में सबसे बड़ा दोषी आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा ही मुख्य भूमिका में है लिहाजा पायलट यहीं से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की लड़ाई लड़ने जा रहे है। हालांकि इसके पीछे राजनैतिक मकसद सब जानते हैं। अजमेर से जन संघर्ष यात्रा के आगाज से पहले अजमेर जिले के अजमेर शहर के अलावा किशनगढ़, भिनाय, मसूदा, केकड़ी, नसीराबाद, सरवाड़, ब्यावर, पुष्कर, रूपनगढ़ से बड़ी संख्या में पायलट समर्थकों के पहुंचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।

जयपुर कूच से पहले पायलट अजमेर में यात्रा शुरू करने के स्थान पर बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगें। समर्थकों ने सभा के लिए जमीन को समतल करा मैदान का रूप दे दिया है। बताया जा रहा है कि पायलट 25 किलोमीटर रोज पैदल चलेंगे और जहां भी पड़ाव रहेगा वहां पांच हजार लोगों के भोजन की भी व्यवस्था रहेगी। पायलट की जन संघर्ष यात्रा को देखते हुए अजमेर जिला एवं पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया है तथा गुप्तचर पुलिस भी सक्रिय हो चली है। लोकसेवा आयोग के ईदगिर्द अकसर रहने वाली धारा 144 कल कितनी प्रभावी रह पाती ये कल ही पता चलेगा।

 

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