नए संसद भवन के उद्घाटन का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति जो ‘संसद के प्रमुख’ हैं, को प्रमुख आयोजनों से बाहर करना ‘संवैधानिक रूप से सही’ नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को “आमंत्रित भी नहीं किया गया” है।

आनंद शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “संसद के प्रमुख, भारत के राष्ट्रपति को शिलान्यास से लेकर अब उद्घाटन के लिए संसद के बारे में एक बड़ा फैसला लेना संवैधानिक रूप से सही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 79 यह “क्रिस्टल स्पष्ट” करता है कि संसद में भारत के राष्ट्रपति, संसद के प्रमुख और दोनों सदन शामिल हैं। इससे पहले रविवार को पूर्व सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन देश को समर्पित करेंगे। लोकसभा की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में नए संसद भवन का निर्माण पूरा हो गया है और यह आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है। संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था और अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है।

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