दिल्ली में संसद भवन के सामने आत्मदाह करने वाले व्यक्ति की आज अस्पताल में मौत हो गई। व्यक्ति की पहचान जितेंद्र के रूप में हुई है और वह यूपी के बागपत से ताल्लुक रखता है। संसद भवन के सामने जितेंद्र ने मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग लगा ली थी, जिससे वह 95% जल गया था। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।

दिल्ली में संसद के पास आत्मदाह करने वाले जितेंद्र कुमार की उम्र करीब 35 साल थी। जितेंद्र का घर बागपत जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर छपरौली में था। उनके परिवार में दो बड़े भाई—रवींद्र और शीलू, मां ओमी और पिता महिपाल हैं। उनके तीन बहनों की शादी हो चुकी है। जितेंद्र कुमार बीकॉम स्नातक थे और एलएलबी, फर्स्ट ईयर के छात्र थे।
25 दिसंबर को जितेंद्र ने आत्मदाह का प्रयास किया था। इस संबंध में बागपत पुलिस ने बाइट दी थी और बताया, “जितेंद्र उर्फ भोला थाना छपरौली के ही कस्बे का रहने वाला है। वह परिवार को यह बता कर घर से निकला था कि दिल्ली में उसे कुछ काम है और उसी दिन उसने दिल्ली में आत्मदाह का प्रयास किया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा उसे तत्काल रोका गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वर्ष 2021 और 2022 में जितेंद्र और उसके परिजनों पर मारपीट का मुकदमा पंजीकृत किया गया था। वर्ष 2024 में जितेंद्र के परिजनों द्वारा भी एक मारपीट का मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पिता महिपाल ने बताया कि जितेंद्र कुमार ने अपनी मां से यह कहते हुए 500 रुपये देने को कहा कि वह दिल्ली जा रहा है। उन्होंने कहा, “वह कई बार दिल्ली आया था और आमतौर पर दोपहर तक लौट आता था, इसलिए हमें कुछ भी संदेह नहीं हुआ।” परिवार ने बताया कि जितेंद्र बीकॉम स्नातक था और एलएलबी की डिग्री ले रहा था, लेकिन किन्हीं मामलों के कारण, वह अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सका और मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर हो गया। घटना की जानकारी परिजनों को बुधवार शाम को हुई, जिसके बाद वे पट्टी ढांढन छपरौली गांव से दिल्ली पहुंचे।

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