श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की है। इस मुलाकात बाद उन्होंने कहा कि मुझे पद का कोई लालच नहीं है। हमने सारा मामला अकाल पुरुख के सामने रखा था। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह ने मुझे पद पर बने रहने का आदेश दिया है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि जब तक अकाल पुरख सेवा ले रहे हैं हम सेवा करते रहेंगे, जब अकाल पुरख का आदेश आएगा तो हम सेवा छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि सिंह साहबों द्वारा उठाई गई आवाज निश्चित तौर पर इतिहास रचेगी। इस दौरान उन्होंने अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा के साथ हुए टकराव को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
आपको बता दें कि अकाली नेता विरसा सिंह वल्होटा के चल रहे विवाद के बीच श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसको SGPC ने रद्द कर दिया। गत दिन एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था कि कई वर्षों से SGPC सिख मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती आ रही है। वहीं एस.जी.पी.सी. सभी तख्त साहिबानों के जत्थेदारों का दिल से सम्मान करती है। उनका कहना है कि सिखों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है और सभी को मिल कर SGPC को बचाना होगा।