केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कुछ दिन पहले बुधवार को 150 से अधिक कर्मियों की तैनाती के साथ अयोध्या हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली। सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा , अयोध्याधाम केंद्रीय बल के विशेष विमानन सुरक्षा समूह के पहरे में आने वाला देश का 68वां नागरिक हवाई अड्डा टर्मिनल है। प्रवक्ता ने कहा कि सीआईएसएफ दस्ते को सेवा में तैनात करने के लिए बुधवार को हवाई अड्डे पर एक औपचारिक समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर एयरलाइन ऑपरेटर और विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। प्रवक्ता ने कहा कि सीआईएसएफ हवाई अड्डे को लगातार सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सीआईएसएफ हवाई अड्डे पर आतंकवाद रोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों से सुरक्षा प्रदान करेगा। इस हवाई अड्डे का उद्घाटन पिछले साल 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ कर्मी यात्रियों की जामातलाशी लेंगे, उनके सामान की जांच करेंगे और परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। अयोध्या हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उप कमांडेंट-रैंक के अधिकारी की कमान के तहत 150 से अधिक सीआईएसएफ कर्मियों की एक सशस्त्र टुकड़ी को मंजूरी दी गई है। एक न्यूज एजेंसी ने पिछले साल खबर दी थी कि अयोध्या में नये हवाई अड्डा को खतरा की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दी जाएगी।

बताया जा रहा है कि केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की समीक्षा में हवाई अड्डे के लिए सीआईएसएफ द्वारा प्रदान किए गए पेशेवर सुरक्षा कवर की सिफारिश की गई। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले साल कहा था कि हवाई अड्डे की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी। सिंधिया ने संवाददाताओं से कहा था कि पहले चरण में हवाई अड्डा 65,000 वर्ग फीट में फैला होगा। इसकी क्षमता हर घंटे 2 से 3 उड़ानें संभालने की होगी। 2,200 मीटर का रनवे बनाने का काम चल रहा है। इसका मतलब है कि बोइंग 737 और एयरबस 319 और 320 हवाई अड्डे पर उतर सकेंगे। शुरुआत में, आठ विमानों के लिए एक हवाई अड्डा एप्रन (विमानों के ठहरने का स्थल) होगा।

 

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