महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक वरिष्ठ नेता ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी प्रमुख राज ठाकरे शिवसेना (UBT) से गठबंधन पर तभी विचार करेंगे, जब उस ओर से कोई ठोस प्रस्ताव सामने आएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में गठबंधन के लिए इस तरह के प्रयासों के बदले उन्हें ‘विश्वासघात’ ही मिला है।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संदीप देशपांडे ने संवाददाताओं से बात करते हुए राज ठाकरे का जिक्र किया।

राज ठाकरे के हालिया साक्षात्कार में उन्होंने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना (उबाठा) के साथ राजनीतिक गठबंधन के लिए बातचीत करने के लिए विकल्प खुले होने का संकेत दिया था।

मुंबई, ठाणे, नासिक, नागपुर और पुणे समेत महाराष्ट्र के नगर निकायों के चुनाव इस साल के अंत तक होने हैं।


देशपांडे ने कहा, ‘‘अगर शिवसेना (उबाठा) को लगता है कि मनसे के साथ गठबंधन संभव है, तो उन्हें एक ठोस प्रस्ताव के साथ सामने आना चाहिए। राज ठाकरे उस पर निर्णय लेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले भी प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन हमें विश्वासघात का सामना करना पड़ा। अगर अब वे हमें साथ चाहते हैं, तो उन्हें राज ठाकरे को उचित प्रस्ताव भेजना चाहिए। वह (राज ठाकरे) उस पर उपयुक्त निर्णय लेंगे।’’

देशपांडे ने स्पष्ट किया कि राज ठाकरे ने अपने साक्षात्कार में कहीं भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ सीधे गठबंधन की बात नहीं कही थी, जो महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज ठाकरे ने यह नहीं कहा कि गठबंधन होना ही चाहिए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अगर शिवसेना (उबाठा) इच्छुक है, तो वह उस पर विचार करेंगे।’’

देशपांडे से जब पूछा गया कि क्या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना (जो महायुति गठबंधन का हिस्सा है) भी मनसे के साथ समझौते की कोशिश कर रही है, तो उन्होंने कहा कि अब तक उनकी ओर से कोई आधिकारिक संदेश नहीं आया है।

पिछले महीने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बयानों से ये अटकलें लगने लगी थीं कि लगभग दो दशक पुराने मतभेदों को दरकिनार कर वे मराठी जनता के व्यापक हित में फिर से साथ आ सकते हैं।


राज ठाकरे ने वर्ष 2005 में शिवसेना से अलग होकर 2006 में अपनी पार्टी मनसे की स्थापना की थी। उन्होंने अतीत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया है, जो इस समय शिवसेना (उबाठा) की विरोधी है।

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