उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वयं और अपने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाना आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने रविवार शाम प्री होली गिफ्ट के रूप में गोरखपुर नगर निगम की 482 करोड़ रुपये की 253 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि खुद को टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए गोरखपुर ने सफाई, स्ट्रीट लाइट, पेयजल के साथ ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के लिए नगर निगम में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किया है इससे गोरखपुर भी स्वयं को भी स्मार्ट सिटी का पाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें प्रयास करना चाहिए कि हमारा देश और हमारे शहर स्मार्ट स्मार्ट लगें। हमें दुनिया की तरफ न देखना पड़े बल्कि दुनिया हमारे शहरों से सीखें। इज ऑफ लिविंग के लिए शहरों को स्मार्ट बनाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 वर्ष पूर्व ही कहा था कि शहरों के पास इसका एक मॉडल होना चाहिए। गोरखपुर ने सेफ सिटी के मामले में उत्कृष्ट कार्य किया है। यहां समाज के सभी वर्गों के सहयोग से हजारों कैमरे लग गए हैं। एक तिनका भी कहीं उठेगा तो पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले लोग कचरा सड़क पर फेंक देते थे लेकिन अब सीसीटीवी कैमरे से वे पकड़ में आ जाएंगे।

सीएम योगी ने गोरखपुर में टूलेन और फोरलेन सड़कों की श्रृंखला का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार 50 साल की गारंटी वाली सड़के बनवा रही है। उन्होंने कहा कि टाउनहॉल से होते हुए रेती रोड, गीता प्रेस तक तथा आर्यनगर धर्मशाला आदि क्षेत्रों की सड़के भी चौड़ी की जाएंगी। साथ ही हाबर्ट बबंधा, माधोपुर तटबंध से चौड़ा करते हुए इसे सोनौली मार्ग से जोड़ दिया जाएगा। एचएन सिंह चौराहा से हड़हवा फाटक होते हुए गोरखनाथ मंदिर तक कि सड़क भी टूलेन/फोरलेन होने जा रही है।

 

 

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