दिल्ली के मुख्यमंत्री के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत सुनवाई में शामिल होने के लिए आप सांसद स्वाति मालीवाल दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट पहुंचीं। वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि यह जमानत याचिका विचार योग्य है। यह सही अदालत है जिसके पास जमानत याचिका पर सुनवाई का अधिकार क्षेत्र है। तीस हजारी अदालत ने कथित स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की। मालीवाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए विभव कुमार के वकील एन हरिहरन ने शिकायत दर्ज करने में 3 दिन की देरी का जिक्र किया। वह डीसीडब्ल्यू प्रमुख थी, उन्हें अपने अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से पता था। अगर उनके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है तो उन्हें तुरंत शिकायत करनी चाहिए थी।
बिभव कुमार के वकील ने कोर्ट को एमएलसी दिखाते हुए कहा, ‘एमएलसी की तारीख 16 मई को है। यह घटना कथित तौर पर 13 मई को हुई थी। यह एक अस्पष्ट अंतर है। हम घावों की प्रकृति नहीं जानते…क्या वे हाल के हैं? क्या वे तीन दिन पुराने हैं?’ स्वाति मालीवाल से दोबारा मारपीट मामले में विभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान रो पड़ीं स्वाति मालीवाल, वीडियो दिखाए जाने के दौरान मालीवाल के आंखों में आंसू नजर आए। सीएम आवास से स्वाति के निकलने का वीडियो दिखाया जा रहा था।
विभव के वकील ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने यह नहीं कहा कि सीएम ने उन्हें अपने परिसर में आने के लिए बुलाया था। उन्होंने जो किया वह अतिक्रमण है। क्या कोई इस तरह किसी के आवास में प्रवेश कर सकता है? यह सीएम हाउस है। उन्हें (मालीवाल को बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया था)। वह अंदर घुस गईं। क्या एक सांसद होने के नाते आपको कुछ भी करने का लाइसेंस मिल सकता है?