बीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा दोनों से अपनी दूरी बनाए रखना चाहती है। जिन राज्यों में कांग्रेस का स्थानीय दल से सीधा मुकाबला है, तकरीबन वह सभी दल इसी रुख के साथ आगे बढ़ रहे हैं और कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं।
बीआरएस नेता ने कहा कि केसीआर ने पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल के मुखिया नीतीश कुमार को साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी उस गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहती है जिसमे कांग्रेस शामिल हो, क्योंकि पार्टी तेलंगाना में उसे मुख्य विपक्षी दल के तौर पर देखती है।
जदयू नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि बीजू जनता दल और बीआरएस दो मुख्य क्षेत्रीय दल हैं जो विपक्ष की इस बैठक से दूर रह सकते हैं।
बीआरएस नेता का कहना है कि आंतरिक सर्वेक्षण बताता है कि कांग्रेस तेलंगाना में कांग्रेस भाजपा से आगे है। हम अपने प्रतिद्वंदियों को हल्के में नहीं लेते हैं। कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस का हौसला जरूर बढ़ा होगा लेकिन तेलंगाना में उसे मुंह की खानी पड़ेगी। बता दें कि दिसंबर माह में तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम में एक साथ विधानसभा चुनाव होने हैं।
इससे पहले मंगलवार को केसीआर ने लोगों को चेताते हुए कहा कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह तेलंगाना सरकार के अच्छे काम को खत्म कर सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि कई महीनों के बाद केसीआर ने खुलकर कांग्रेस पर इस तरह से सीधा हमला बोला है।
बीआरएस के एक और नेता ने बताया कि अगर कांग्रेस के साथ विपक्षी गठबंधन में बीआरएस शामिल होती है तो यह पार्टी के उन कोशिशो को झटका देगी, जिसमे पार्टी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा में खुद को आगे बढ़ाना चाहती है।