समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) पर हमला बोला है। उन्होंने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने विनेश फोगाट के ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के बारे में बात की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, “जिसके कंधों पर देश की जिम्मेदारी हो, कम-से-कम देश को उसकी जिम्मेदारी तो उठानी चाहिए।”
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “महान योद्धा विनेश फोगाट के बारे में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का ये बयान निंदनीय है कि खिलाड़ी के वजन और शरीर की जिम्मेदारी सिर्फ उसके अपने कोच और सपोर्ट टीम की होती है। क्या ऐसा कहकर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन कोच के साथ ही सपोर्ट टीम पर उंगली तो नहीं उठा रही है। ये लोग भी तो एसोसिएशन से संबद्ध होते हैं। ऐसे में ये सवाल भी उठ सकता है कि सपोर्ट टीम का चयन किसने किया। जनता पूछ रही है अगर जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं लोगों की थी तो फिर चीफ मेडिकल ऑफिसर को भेजने की औपचारिकता क्यों की गयी।”
उन्होंने लिखा, “ऐसे बयान देश के खिलाड़ियों और उनके कोच व सपोर्ट टीम के मनोबल को तोड़ने वाले होते हैं और खासतौर से उनके मनोबल को तो और भी ज्यादा जिन्होंने सड़कों पर संघर्ष किया हो। इस बयान से की गयी नाइंसाफी, देश की बेटी विनेश फोगाट के साथ पहले हुई नाइंसाफी से कम नहीं है। देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है। सियासी साजिश का अगर कोई ओलंपिक होगा तो आज के हुक्मरान बिना खेले जीते जाएंगे।”
आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने विनेश फोगाट को लेकर कहा, “कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, जूडो जैसे खेलों में एथलीट्स के वेट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी हर एथलीट और उसके कोच की है, न कि आईओए के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की। आईओए की मेडिकल टीम, खासकर डॉ. पारदीवाला के प्रति घृणा अस्वीकार्य है। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे।”
पीटी उषा ने आगे कहा, “पेरिस ओलिंपिक में हर भारतीय एथलीट के पास इस तरह के खेल में अपनी खुद की सहायता टीम थी। ये टीमें कई साल से एथलीट्स के साथ काम कर रही हैं। आईओए ने कुछ महीने पहले एक मेडिकल टीम नियुक्त की थी, जो प्रतियोगिता के दौरान और बाद में एथलीट्स की रिकवरी और चोट प्रबंधन में मदद करेगी। इस टीम को उन एथलीट्स की मदद के लिए भी बनाया गया था जिनके पास न्यूट्रिशनिस्ट और फिजियोथेरेपिस्टों की अपनी टीमें नहीं थी।”