उत्तराखंड के विधायकों को मंत्री बनाने के नाम पर पैसे की डिमांड करने वाली गैंग के मुख्य आरोपी को उधम सिंह नगर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय के सामने पेश किया गया. वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.
खुद को गृहमंत्री अमित शाह का पुत्र जय शाह बताकर उत्तराखंड के विधायकों को मंत्री बनाने के नाम पर करोड़ रुपए की डिमांड करने वाली गैंग के मुख्य आरोपी को उधम सिंह नगर जिले की एसओजी और रुद्रपुर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में एक अन्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
विधायक को कॉल कर मंत्री बनने का दिया ऑफर
आपकों बता दें कि 13 फरवरी को उधम सिंह नगर जिले की रुद्रपुर विधानसभा से भाजपा के विधायक शिव अरोड़ा को एक अंजान नंबर से कॉल आई है और कॉल करने वाला व्यक्ति दूसरी तरफ से बोला कि, मैं गृहमंत्री अमित शाह का सुपुत्र जय शाह बोल रहा हूं. पापा दिल्ली और मणिपुर के मामले में बिजी हैं और उत्तराखंड में तीन विधायकों को मंत्री बनाया जाना है, इसमें आपका नाम भी शामिल हैं.
उत्तराखंड की जिम्मेदारी मुझे मिली है अगर आप मंत्री बनना चाहते हैं तो आपको पार्टी फंड में तीन करोड़ रुपए देने होंगे. मंत्री बनाने के बदले में पैसे मांगते ही विधायक को शक हुआ और फिर विधायक शिव अरोड़ा ने अपने निजी सचिव अभिषेक मिश्रा के माध्यम से कोतवाली पुलिस को तहरीर दी. तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी.
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश के बाद पुलिस की कई टीमों का गठन हुआ था, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो तीन आरोपियों की पहचान हुई. उधम सिंह नगर और हरिद्वार पुलिस ने अलग अलग जगह से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि मुख्य आरोपी पूर्वी दिल्ली गाजीपुर निवासी गौरव नाथ पुत्र बहादुर फरार चल रहा था, गौरव को पुलिस ने दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट के पास से गिरफ्तार कर, आज न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
विधायकों को मंत्री बनाने के एवज में पैसे की डिमांड करने वाला मुख्य आरोपी गौरव नाथ ने पुलिस पूछताछ में बताया कि 25 और 26 जनवरी को हम तीनों ने मिलकर एक योजना बनाई थी. इस योजना के तहत हमने उत्तराखंड, मणिपुर, उड़िसा, कर्नाटक के विधायकों के नंबर ईसीआई एएफएफआईडीईवीआईटी से निकलें थे. और बाद में विधायकों के बारे में जानकारी विकीपीडिया से एकत्र करने के बाद विधायकों से मंत्री बनाने के नाम पर करोड़ रुपए की डिमांड करते थे और अगर वो नहीं मानते थे तो हम उनको डरते और धमकते थे.