शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दिल्ली के सामने झुकने का आरोप लगाया और कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव उन लोगों के खिलाफ लड़ाई है जो राज्य से नफरत करते हैं।

शिंदे के गढ़ ठाणे शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य सरकार पर अक्टूबर में होने वाले चुनावों से महीनों पहले अपनी प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ की घोषणा करके मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोप लगाया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि यह उनका अपना पैसा है, लेकिन उन्हें आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए। ठाकरे ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के प्रमुख शिंदे पर हमला करते हुए कहा, “वे दिल्ली के सामने झुक रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का संघर्ष दिल्ली के सामने झुकने से इनकार करने के लिए था। ठाकरे ने कहा, “राज्य विधानसभा की लड़ाई उन लोगों के साथ होगी जो महाराष्ट्र से नफरत करते हैं।”

इससे पहले जब ठाकरे यहां गडकरी रंगायतन सभागार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक के लिए पहुंचे तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके काफिले पर टमाटर और गोबर फेंका।

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान इस घटना का कोई उल्लेख न करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनके ‘वाघ-नख’ हैं और वह “अब्दाली” से नहीं डरते। हाल ही में उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेता अमित शाह को “अहमद शाह अब्दाली” करार दिया था।

केंद्रीय गृह मंत्री ने ठाकरे पर “औरंगजेब फैन क्लब” का प्रमुख होने का आरोप लगाया था। कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, “मेरे शिवसैनिक मेरे ‘वाघ-नख’ हैं, मुझे अब्दाली से कोई डर नहीं है।” ‘वाघ-नख’ या बाघ-पंजा एक हाथ से पकड़ा जाने वाला हथियार है।

कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था। यह हथियार वर्तमान में सतारा के एक संग्रहालय में रखा गया है।

वहीं मुंबई में वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम समुदाय के कम से कम 10 सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने संभावित टकराव को टाल दिया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने विधेयक पर अपनी पार्टी के रुख को स्पष्ट करने की मांग करते हुए ठाकरे के खिलाफ नारे लगाए। वहीं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कार्यकर्ता दोपहर में मातोश्री के बाहर एकत्र होने लगे।

उद्धव की पार्टी के एक नेता ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों को भाजपा ने भेजा था। अधिकारी ने बताया कि जिन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है उनमें से कई कुर्ला इलाके के निवासी हैं। नोटिस देने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा और कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

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