केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (मंगलवार) को मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास जताया है और उनके नेतृत्व में ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए इसे फिर से चुना है। हम अपनी नीतियों में उनके समर्थन, विश्वास और भरोसे के लिए आभारी हैं।

बजट भाषण के दौरान लोकसभा में वित्त मंत्री सीतारमण ने विकसित भारत के लिए मोदी सरकार की 9 प्राथमिकताएं भी बताईं।

जिनमें- कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएं, शहरी विकास , ऊर्जा संरक्षण, अवसंरचना, नवाचार अनुसंधान एवं विकास, नई पीढ़ी के सुधार शामिल हैं।

सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें 4 अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। किसानों के लिए, हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50% मार्जिन के वादे को पूरा करता है।

इससे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर इस मुलाकात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री को शुभकामनाएं दी।

ज्ञात हो कि संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है।

2047 तक ‘विकसित भारत’ का रोडमैप

बजट में  रोजगार, कौशल विकास, कृषि और विनिर्माण पर फोकस करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए रोडमैप है।

मोदी 3.0 के तहत पहला बजट एक आर्थिक दृष्टिकोण तैयार करता है जो फिस्कल प्रूडेंस को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का 2014 के बाद से लगातार 13वां बजट है, जिसमें दो अंतरिम बजट शामिल हैं।

केंद्रीय बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक आवंटन, कराधान सुधार, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा, स्थानीय विनिर्माण, नौकरी और कौशल सृजन पर जोर और अधिक श्रम-प्रधान क्षेत्रों में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) आवंटन का समर्थन करने पर केंद्रित है।
रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने तीन योजनाओं की घोषणा की है।

वित्त मंत्री ने कहा, “सरकार रोजगार सृजन के लिए तीन योजनाएं शुरू करेगी। पहली बार रोजगार पाने वालों के लिए योजना, जिसमें सभी क्षेत्रों में कार्यबल में शामिल होने वाले सभी लोगों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। रोजगार देने वाली योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा।”

लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास जताया है और ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए इसे फिर से चुना है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। चूंकि मोदी सरकार का ध्यान कृषि पर है, इसलिए वित्त मंत्री ने कहा, “किसानों को 109 नई उच्च उपज देने वाली किस्में जारी की जाएंगी। दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।”

वित्त वर्ष 2025 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये अलग रखे जाएंगे।

बिहार को भले ही विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, लेकिन केंद्र सरकार ने बजट में कई तोहफे दिए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आम बजट पेश किया जिसमें बिहार को कई तोहफे दिए जाने का ऐलान किया है।

केंद्र सरकार की ओर से बजट में बिहार चार नए एक्सप्रेस-वे बनाने के प्रस्ताव दिए हैं। आम बजट में बिहार में सड़क प्रोजेक्ट के लिए 26 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई है। इसके अलावा 21 हजार करोड़ के पावर प्लांट का भी ऐलान किया गया है।

केंद्र सरकार ने पटना से पूर्णिया के बीच एक्सप्रेस वे बनाने के लिए फंड देने का ऐलान किया। इसके अलावा बक्सर से भागलपुर के बीच हाईवे बनाया जाएगा। साथ ही बोधगया से राजगीर, वैशाली होते हुए दरभंगा तक हाईवे बनेगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का एक पुल भी बनाया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर केंद्र सरकार बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी। इससे पूर्वी क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी।

बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और स्टेडियम की भी स्थापना होगी और एयरपोर्ट भी बनेंगे। पूर्वी राज्यों में पूर्वोदय प्लान लॉन्च होगा।

इससे पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि मौजूदा प्रावधानों के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।

युवाओं के लिए निकला ये खास तोहफा

इस केंद्रीय बजट में निर्मला सीतारमण ने 2024-25 में हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव किया है।

इसके तहत घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर हर साल 1 लाख छात्रों को सीधे ऋण राशि के 3% की वार्षिक ब्याज छूट के लिए दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।”

इसके साथ ही देश के युवाओं के लिए इस बजट में वित्त मंत्री ने जो ऐलान किया है उसके अनुसार रोजगार व कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी पांच योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। इसमें 500 टॉप कंपनियों में पांच करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का प्रावधान भी है।

इसके साथ ही पहली जॉब ज्‍वाइन करने वाले युवाओं के लिए 15 हजार की तीन किश्‍त सीधे ईपीएफओ अकाउंट में दिया जाएगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि पहली नौकरी वालों के लिए एक लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी।

वहीं महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी।

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