भारतीय कप्तान रोहित शर्मा बतौर नेतृत्वकर्ता वो हासिल करना चाहते हैं जो बीते 31 साल में कोई अन्य भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में हासिल करने में विफल रही है लेकिन यह भी विश्व कप फाइनल में मिली हार की टीस को कम नहीं कर पाएगी।
दक्षिण अफ्रीका में 1992 में पहली टेस्ट सीरीज के बाद से भारत को यहां कभी सफलता नहीं मिली है। वह चाहते हैं कि उनकी टीम दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने वाली पहली भारतीय टीम बने।
रोहित ने मैच की पूर्व संध्या पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘बतौर टीम हम जहां हैं, इस लिहाज से ये बहुत महत्वपूर्ण मैच हैं। अगर पीछे मुड़कर देखें तो हमने यहां कभी भी कोई सीरीज नहीं जीती है, यह हमारे लिए यहां अच्छा प्रदर्शन करने का एक बड़ा मौका है।’
उन्होंने कहा, ‘हम पिछली दो बार जब यहां के दौरे पर आए थे तो हम काफी करीब पहुंच गये थे। लेकिन फिर से हम बहुत आत्मविश्वास के साथ यहां आए हैं और वो हासिल करने की कोशिश करेंगे जो दुनिया के इस हिस्से में किसी भारतीय टीम ने कभी हासिल नहीं किया है।’
तो क्या यह विश्व कप फाइनल में मिली हार के लिए मरहम का काम करेगा तो इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में मिली जीत विश्व कप फाइनल की हार का मरहम हो सकती है या नहीं। विश्व कप तो विश्व कप है। इतनी मेहनत की है, कुछ तो नतीजा मिले। हम सभी यह चाहते हैं।’
मोहम्मद शमी की कमी के बारे में उन्होंने कहा, ‘शमी ने हमारे लिए इतने वर्षों जो किया है, उसे देखते हुए उनकी काफी कमी खलेगी। किसी को उनकी जगह खिलाना होगा लेकिन यह आसान नहीं होगा। लेकिन हम आत्मविश्वास से भरे हैं।’
रोहित ने कहा, ‘प्रसिद्ध कृष्णा अपनी लंबाई के कारण काफी उछाल हासिल कर लेता है और मुकेश गेंद को स्विंग कर लेता है। हमें आज पिच देखकर फैसला करना था कि हम किसे गेंदबाजी कराना चाहते हैं। हमने 75 प्रतिशत फैसला कर लिया है और 25 प्रतिशत कल करेंगे।’